HP High Court: हाईकोर्ट ने रद्द की भूतपूर्व सैनिकों की निर्धारित सेवानिवृत्ति अवधि

अदालत ने पाया कि भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ की ओर से निर्धारित सेवानिवृत्ति अवधि को तय करना नियमों के विरुद्ध है। अदालत ने भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ को आदेश दिए कि वह दो हफ्ते के भीतर दोबारा से सेवानिवृत्ति अवधि तय करे।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती मामले में भूतपूर्व सैनिकों की निर्धारित सेवानिवृत्ति अवधि को रद्द कर दिया है। भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ ने भूतपूर्व सैनिकों के लिए सेवानिवृत्ति अवधि तय की थी। 31 अक्तूबर 2019 से 31 दिसंबर 2020 की अवधि में सेवानिवृत्त हुए सैनिकों को ही पुलिस भर्ती के लिए योग्य घोषित किया गया था। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इसे गैर कानूनी बताया है।

अदालत ने 12 भूतपूर्व सैनिकों की याचिकाओं को निपटारा करते हुए यह निर्णय सुनाया। 10 सितंबर 2021 को पुलिस विभाग ने कांस्टेबल के 1334 पद भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था। इनमें भूतपूर्व सैनिकों के लिए भी कोटा निर्धारित किया गया था। भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ ने भूतपूर्व सैनिकों के लिए उनकी योग्यता निर्धारित की। जो भूतपूर्व सैनिक  31 अक्तूबर 2019 से 31 दिसंबर 2020 की अवधि में सेवानिवृत्त हुए, वही इसके लिए पात्र माने गए।

याचिकाकर्ता इस अवधि से पहले सेवानिवृत्त हो गए थे और पुलिस भर्ती के लिए अपात्र हो गए। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि पिछली पुलिस भर्ती के लिए भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ ने 31 दिसंबर 2017 तक सेवानिवृत्त हुए सैनिकों ने नाम भेजे थे। अब की बार 31 अक्तूबर 2019 से 31 दिसंबर 2020 की अवधि निर्धारित की गई है। 1 जनवरी 2018 से 30 अक्तूबर 2019 की अवधि में सेवानिवृत्त हुए सैनिकों को पुलिस भर्ती में भाग लेने से वंचित रखा गया है।

अदालत ने पाया कि भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ की ओर से निर्धारित सेवानिवृत्ति अवधि को तय करना नियमों के विरुद्ध है। अदालत ने भूतपूर्व सैनिक प्रकोष्ठ को आदेश दिए कि वह दो हफ्ते के भीतर दोबारा से सेवानिवृत्ति अवधि तय करे।