वेतन विसंगतियों को लेकर एचआरटीसी कंडक्टरों ने निगम प्रबंधन व सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश भर से आए कंडक्टर बुधवार से एचआरटीसी मुख्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठेंगे, वहीं 22 जुलाई तक प्रदेश के सभी मंडलीय कार्यालयों में क्रमिक भूख हड़ताल का दौर जारी रहेगा। ऐसे मेेंं यदि सरकार द्वारा एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन को वार्ता के लिए नहीं बुलाया जाता हैं तो फिर एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन 22 के बाद काम छोड़ने का फैसला भी ले सकता है। हालांकि एचआरटीसी प्रबंधन ने कंडक्टरों की समस्या सुलझाने के लिए 10 दिनों का समय मांगा है। प्रदेश के सभी डिपो से मंगलवार को एचआरटीसी के कंडक्टर शिमला पहुंचे हैं।
नारेबाजी कर प्रकट किया रोष
मंगलवार को कंडक्टर यूनियन ने मुख्यालय के बाहर वेतन विसंगितयों के खिलाफ रोष प्रकट किया और नारेबाजी भी की। इसके बाद निगम प्रबंधन ने यूनियन पदाधिकारियों को बैठक के लिए भी बुलाया। बैठक के दौरान निगम प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि विसंगतियों को दूर किया जाएगा लेकिन कंडक्टरों ने इस पर विश्वास नहीं जताया और भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया। कंडक्टर यूनियन के प्रांतीय प्रधान कृष्ण चंद ने बताया कि यूनियन ने मिलकर भूख हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। यदि 22 जुलाई तक सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो यूनियन आंदोलन तेज करेगी।
छठे वेतन आयोग में कही गई थी 10300+3200 का वेतनमान देने की बात
रोष व्याप्त कं डक्टरों ने कहा कि सरकार द्वारा दिए जा रहे छठे वेतन आयोग में क्लास थ्री के सभी कर्मचारियों को 10300+3200 का वेतनमान देने की बात की गई थी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। सरकार कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है। इसलिए परिचालकों को नए वेतनमान लागू करवाने और वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। कं डक्टरों ने कहा कि सरकार की ओर से सभी क्लास थ्री के कर्मचारियों को 10300+3200 वेतनमान दिया जा रहा है, जबकि कंडक्टरों के लिए यह वेतन 5910+1900 फिक्स किया गया है। यूनियन का आरोप है कि वर्ष 2012 से परिवहन निगम में अधिकारियों द्वारा क्लास थ्री के कर्मचारियों का वेतन 5910+2400 मनमाने तरीके से फि क्स कर दिया था जबकि अब इसे फिर से घटाकर 5910+1900 कर दिया है। वेतनमान बढ़ाने की जगह घटा दिया गया है जबकि प्रदेश के अन्य कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतनमान मिल रहा है।