एचआरटीसी ने करीब 13 करोड़ की लागत से 11 नई वोल्वो खरीदी हैं। वोल्वो बसें शिमला लाने के लिए एचआरटीसी की टीम वोल्वो सेक्शन इंचार्ज अरुण शर्मा की अगुवाई में बंगलूरू रवाना हो गई है।
नवरात्र के बीच हिमाचल पथ परिवहन(एचआरटीसी) की 11 नई वोल्वो बसें शिमला पहुंचने वाली हैं। एचआरटीसी ने करीब 13 करोड़ की लागत से 11 नई वोल्वो खरीदी हैं। वोल्वो बसें शिमला लाने के लिए एचआरटीसी की टीम वोल्वो सेक्शन इंचार्ज अरुण शर्मा की अगुवाई में बंगलूरू रवाना हो गई है। 4 अक्तूबर को वोल्वो बसें शिमला पहुंचेंगी। 11 में से 5 वोल्वो बसें निगम की पुरानी वोल्वो को रिप्लेस करेंगी, जबकि 6 वोल्वो नए बस रूटों पर चलेंगी। एचआरटीसी प्रबंधन ने पर्यटन सीजन के मद्देनजर शिमला-मनाली और शिमला-धर्मशाला के बीच वोल्वो बसें शुरू करने का फैसला लिया है। अब तक इन रूटों पर हिमानी डीलक्स बसें चल रही हैं।
मनाली और धर्मशाला के लिए शिमला से वोल्वो न चलने के कारण सैलानियों को हजारों रुपये खर्च कर लग्जरी टैक्सी बुक करनी पड़ती है। नई वोल्वो बसों में यात्रियों के लैपटॉप चोरी होने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सीटों पर लॉकर सुविधा दी गई है। ड्राइवर के लिए अलग केबिन है। बीएस-6 तकनीक से लैस होने के कारण पूरी तरह प्रदूषण रहित हैं। पुरानी वोल्वो की हॉर्स पावर 285 थी, जबकि नई वोल्वो की हॉर्स पॉवर 300 है। व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और वाईफाई से लैस नई वोल्वो में हर सीट पर यूएसबी मोबाइल चार्जर हैं। सभी 39 सीटें थाई रेस्ट से लैस हैं।
नवरात्र में मिलेगा नई वोल्वो का तोहफा : संदीप
नवरात्र में ही प्रदेश को 11 नई वोल्वो बसों का तोहफा मिल जाएगा। नई बीएस-6 वोल्वो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। बसें लाने के लिए टीम बंगलूरू भेज दी गई है। शिमला मनाली और शिमला धर्मशाला रूट पर वोल्वो सेवा शुरू की जाएगी।– डॉ. संदीप कुमार, प्रबंध निदेशक, एचआरटीसी
जयपुर और श्रीनगर के लिए वोल्वो सेवा प्रस्तावित
एचआरटीसी शिमला से जयपुर और श्रीनगर के लिए भी वोल्वो सेवा शुरू करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, इसके लिए अभी औपचारिकताएं पूरी नहीं हुई हैं। निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने बताया कि जयपुर और श्रीनगर के लिए वोल्वो सेवा शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है।
वहीं, शारदीय नवरात्रों के दूसरे दिन मंगलवार को कांगड़ा के तीनों प्रमुख शक्तिपीठों ज्वालामुखी, बज्रेश्वरी धाम और चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में 21,000 श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए सुबह 5:00 बजे ही खुल गए थे। ज्वालामुखी मंदिर में 7,500, बज्रेश्वरी धाम कांगड़ा में 7,000, चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में 6,500 श्रद्धालुओं ने हाजिरी भरी है।