पत्नी की हत्या करने के आरोपी पति को अदालत ने उम्रकैद की कठोर सजा सुनाई है। इसके साथ ही 2 लाख रुपये जुर्माना भी किया है। दोषी पति ने सुनियोजित तरीके से पत्नी को मौत के घाट उतारा था। उसने चाकू से कई बार गोदकर बड़ी बर्बरता से पत्नी की हत्या की और पुलिस से बचने के लिए भालू से हमले में पत्नी की मौत की झूठी कहानी रच डाली।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने इस मामले में पति हरक बहादुर को दोषी करार देने के बाद उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। 22 वर्षीय हरक बहादुर नेपाली मूल का है, जो अपनी पत्नी (21) के साथ रामपुर उपमंडल के झाकड़ी में रहता था।
मामले के अनुसार 3 मई 2018 की शाम पुलिस चौकी सराहन में टेलीफोन से सूचना मिली कि झाकड़ी के बठारा गांव के जंगल में एक दम्पति को भालू ने नोच खाया है। झाकड़ी पुलिस की टीम मौके पर पहुंची औऱ पाया कि एक महिला मृत अवस्था में पड़ी थी।
दोषी हरक बहादुर ने पुलिस को बताया कि भालू ने हमला कर उसकी पत्नी को मौत के घाट उतारा। झाकड़ी पुलिस ने जब शव का आइजीएमसी में पोस्टमार्टम करवाया, तो मृतका के शरीर पर घाव के निशान किसी तेजधार हथियार के पाए गए, न किसी जानवर के दांत और पंजे के निशान।
इस पर झाकड़ी पुलिस ने आइपीसी की धारा 302 व 201 में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। अन्वेषण के दौरान सामने आया कि हरक बहादुर अपनी पत्नी पर शक करता था, जिस कारण उसकी पत्नी से अक्सर कहासुनी होती थी। शातिर 3 मई 2018 को पत्नी को लकड़ी एकत्रित करने के बहाने जंगल ले गया और शाम को घर लौटते समय रास्ते में उसने पत्नी पर चाकू से वार किए, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस की पेशेवर जांच की बदौलत कोर्ट ने हरक बहादुर को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई।