सात साल पहले पति ने छोड़ा, दो बच्चों की परवरिश करते हुए बनीं ADJ, प्रेरणादायक है Ayesha की कहानी

उम्र महज एक नंबर है, जिसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली आयशा खान ने सच कर दिखाया है, जिन्होंने 43 साल की उम्र में ADJ की परीक्षा क्लियर की है. आयशा 7 वीं रैंक लेकर आई हैं. वो भी उस उम्र में जिसमें लोग उम्मीद छोड़ देते हैं. आयशा ने 43 साल की उम्र में अपने दो बच्चों की परवरिश करते हुए पहले प्रयास में ही झारखंड की ADJ की परीक्षा पास कर दूसरों के लिए मिसाल बन गई हैं.

7 साल पहले पति ने छोड़ दिया था

Ayesha became a judge after her husband left her 7 years agoBhaskar

आयशा के पति ने 7 साल पहले उन्हें छोड़ दिया था. आयशा अपने दो बच्चों को लेकर मायके आ गईं. उनके पति ने दूसरी शादी कर ली. बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी आयशा पर आ गई, लेकिन वह हारी नहीं.

दैनिक भास्कर से बात करते हुए आयशा कहती हैं, “मेरा चयन उन लोगों के लिए जवाब है, जो महिलाओं को पैरों की जूती समझते हैं. 7 साल पहले जब पति ने छोड़ा और दूसरी शादी कर ली, तो खुद को साबित करने का मुझमें जज्बा जागा. एक जवाब देने का मन किया. वह भी अपनी कामयाबी को दिखाकर, जो मैंने आज कर दिखाया है.”

बच्चों की परवरिश करते हुए तैयारी

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बता दें, आयशा सहारनपुर के अरबी मदरसा में अपने मायके में रहती हैं. सात साल पहले पति से हुई अनबन के बाद वह अपने दो बच्चों को लेकर मायके आ गईं. आयशा पहले से प्रैक्टिस कर रही थीं. ऐसे में बच्चों की परवरिश में ज्यादा परेशानी नहीं हुई. अभी उनका बेटा माहिन खान इंटरमीडिएट, और बेटी आलिया खान कक्षा आठ की छात्रा हैं.

आलिया अपने एक मीडिया इंटरव्यू में बताती हैं कि पति से अलग होने के बाद उनके मायके वालों ने बहुत सपोर्ट किया. अपनी कामयाबी का श्रेय भी उन्होंने अपनी मां जीनत खान, बड़े भाई अनवर खान और छोटे भाई अब्दुल कादिर खान को दिया है, जो देवबंद में लेखपाल के पद पर कार्यरत हैं.

LLB गोल्डमेडलिस्ट रही हैं आयशा

Ayesha became a judge after her husband left her 7 years agoAyesha

आयशा खान ने साल 1993 में दसवीं की परीक्षा में 69 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. साल 1995 में इंटरमीडिएट की परीक्षा में 61 प्रतिशत, BSC की परीक्षा में 73 प्रतिशत, और साल 2002 में LLB में गोल्ड मेडलिस्ट रहीं. इसके बाद शादी हो गई और पढ़ाई छूट गई, लेकिन पति से अलग होने के बाद आयशा ने प्रैक्टिस के साथ फिर से पढ़ाई शुरू की. साल 2022 में LLM की परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. वहीं अब झारखंड ADJ परीक्षा पास कर 7वीं रैंक हासिल की है. उनके जज बनने की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणादायक है.