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नई दिल्ली में हिमाचल सरकार, एनएचपीसी और एनटीपीसी के बीच इसको लेकर एमओयू साइन किया गया। उस समय तक यह देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज था, लेकिन बंदला में कॉलेज भवन का निर्माण करने और अन्य प्रक्रिया पूरी करने में समय लगा। इस बीच उत्तराखंड के टिहरी में कॉलेज शुरू हो गया। वर्ष 2017-18 से कॉलेज में पहला बैच नगरोटा बगवां में शुरू हुआ। इसमें दोनों निगम एनएचपीसी और एनटीपीसी ने प्रथम चरण में 75 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 50 करोड़ रुपये का योगदान किया। कॉलेज में सिविल, इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग की 240 सीटें भरी जाएंगी। वर्तमान में सिविल और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में ही कक्षाएं लग रही हैं। हर पाठ्यक्रम में 60-60 सीटों के लिए एडमिशन हुआ है।
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हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक राजेश्वर गोयल, एनटीपीसी की ओर से क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक हाइड्रो केके सिंह और एनएचपीसी की ओर से कार्यकारी निदेशक (सीएसआर एंड एसडी) एच. मित्रा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल, तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर और प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली मौजूद थे।
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हिमाचल प्रदेश में 20,000 मेगावाट से अधिक की हाइड्रो पावर क्षमता है। देश में इसका लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा हिमाचल प्रदेश में ही उत्पादित होता है। एनटीपीसी और एनएचपीसी राज्य में कई परियोजनाओं के संचालन और निर्माण में लगी हुई हैं। हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बंदला की अधिसूचना नौ सितंबर 2016 को राज्य सरकार ने जारी की थी। कॉलेज सोसाइटी का पंजीकरण 17 मार्च 2017 को हुआ। नगरोटा बगवां में सिविल, इलेक्ट्रिकल ट्रेड में अकादमिक सेशन साल 2017-18 शुरू हुआ। बंदला में भवन निर्माण के लिए चार अप्रैल 2018 को टेंडर जारी हुआ और जुलाई 2018 में निर्माण शुरू हुआ। 75 करोड़ कॉलेज की प्रारंभिक लागत थी, जो बढ़कर 105 करोड़ हुई, मास्टर प्लान में बदलाव के बाद 140 करोड़ इसकी लागत पहुंची है। इसका 25 माह में निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन कोविड के कारण इसके निर्माण में देरी हुई और यह 2021 में तैयार हुआ। दिसंबर 2021 में प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू हुईं।
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ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) ने बंदला में 2021-22 के बैच के लिए एक सितंबर 2021 को अनुमति दी। वहीं अब 21 सितंबर 2022 को पूरा कॉलेज बंदला शिफ्ट किया गया। वर्तमान में प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष की कक्षाएं बंदला में शुरू हुई हैं। 529 प्रशिक्षु सिविल और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
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भविष्य में मेकेनिकल और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में ट्रेड शुरू होंगे। वहीं कॉलेज में भविष्य में एमटेक और एमटेक के बाद सिविल और इलेक्ट्रिकल विषयों पर पीएचडी करवाने की योजना है।
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65.18 बीघा पर बना कॉलेज, निशुल्क वाई-फाई
कॉलेज 65.18 बीघा भूमि पर बना है। इसमें अकादमिक भवन, गर्ल्स, ब्वॉयज हॉस्टल, यूजी टैंक, रेन वाटर कलेक्शन टैंक, फैकल्टी के लिए आवासीय भवन और परिसर में अन्य निर्माण किया गया है। पूरे कॉलेज में निशुल्क वाई-फाई की सुविधा है, ताकि प्रशिक्षुओं को इंटरनेट की सुविधा मिल सके।
कॉलेज फैकल्टी
टीचिंग स्टाफ
कुल पद – 59
नॉन टीचिंग स्टाफ – 66
वर्तमान में 21 टीचर, 14 नॉन टीचिंग।