झूलन गोस्वामी: 80 KM दूर जाकर प्रैक्टिस, कड़ा संघर्ष, क्रिकेट के जुनून ने बनाया ‘चकदहा एक्सप्रेस’

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भारत की दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने अपने 20 साल के शानदार करियर को अलविदा कह दिया है. अब वो भारत के लिए खेलती नजर नहीं आएंगीं. लेकिन झूलन ने जिस तरह से अपने करियर में सफलता की सीढ़िया चढ़ीं और कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए लोग उन्हें भूलेंगे नहीं. बंगाल के एक छोटे से कस्बे की रहने वाली झूलन का सफर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है.

किसी के लिए ‘बाबुल’, किसी के लिए ‘चकदहा एक्सप्रेस’, तो किसी के लिए ‘बॉल गर्ल’. 25 नवंबर 1982 को प.बंगाल के चकदाहा में जन्मी झूलन हर किसी के दिल में एक खास जगह रखती हैं. झूलन मौजूदा समय में महिला क्रिकेट की दिग्गज खिलाड़ी हैं. उनके नाम वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट झटकने जैसे कई रिकॉर्ड दर्ज हैं. किन्तु क्या आप जानते हैं कि उन्होंने यहां तक का सफर कड़े संघर्ष के बाद तय किया है.

झूलन गोस्वामी के संघर्ष की कहानी…

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एक समय में लड़के झूलन को मैदान पर क्रिकेट नहीं खेलने देते थे. घर से क्रिकेट स्टेडियम की दूरी भी इतनी थी कि वहां तक पहुंचना मुश्किल होता था. मगर, क्रिकेट के प्रति अपने जूनून के चलते झूलन ने हर बाधा को पार किया. 80 किलोमीटर की दूर तय कर प्रैक्टिस के लिए जाना हो, या फिर लड़का-लड़की में अंतर करने वाले समाज से लड़ाई लड़ने की बात. झूलन ने अपनी प्रतिभा से माकूल जवाब दिया और क्रिकेट का बड़ा नाम बनीं.

15 साल की छोटी उम्र में शुरू किया क्रिकेट

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पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के चकदाहा गांव में पैदा हुईं झूलन का पूरा नाम झूवन निशित गोस्वामी है. उनके पिता का नाम निशित गोस्वामी और मां का नाम झरना गोस्वामी है. झूलन महज 15 साल की थीं, जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था. शुरुआत में झूलन बेहद धीमी गति से गेंदबाजी करती थी. जिसके कारण लड़के न सिर्फ उनका मजाक उड़ाते थे, बल्कि उनको खेलने से रोकते भी थे.

गांव से करीब 80 की दूरी तय कर प्रैक्टिस

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लड़कों को लगता था कि तेज गेंदबाजी लड़कियों के बस की बात नहीं. हालांकि, झूलन कभी निराश नहीं हुईं और नियमित रूप से अपने गांव से करीब 80 की दूरी तय कर प्रैक्टिस के लिए जाती रहीं. जल्द ही उनकी मेहनत रंग लाई और साल 2002 उनके लिए खुशियां लेकर आया. यही वो साल था, जब 19 साल की उम्र में उन्हें भारत के लिए अपना पहला वनडे मुकाबला खेलने को मिला था. आगे 2006 में उन्हें टीम इंडिया की टी20 टीम में शामिल कर लिया गया.

पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित

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आंकड़ों की बात करें तो उन्होंने भारत के लिए अब तक 192 वनडे में 240, 68 टी20 मैचों में 56 विकेट और 12 टेस्ट में 44 विकेट अपने नाम किए हैं. वो इंटरनेशनल क्रिकेट में 2000 से अधिक ओवर करने वाली दुनिया की पहली महिला गेंदबाज बन हैं. आईसीसी वनडे रैकिंग में भी झूलन दूसरे नंबर पर हैं. क्रिकेट के लिए झूलन पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार जैसे सम्मानों से सम्मानित की जा चुकी हैं.