‘मेरा एक बच्चा है…’, TMC नेता अनुब्रत मंडल को बेड रेस्ट लिखने वाले डॉक्टर बोले- मैं मजबूर था

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल की जांच करने वाले डॉक्टर ने बुधवार को आरोप लगाया कि उन्हें मवेशी स्मगलिंग केस में गिरफ्तार आरोपी को बेड रेस्ट देने के लिए मजबूर किया गया था. दरअसल टीएमसी के बीरभूम अध्यक्ष को 10वीं बार सीबीआई ने समन भेजा था. मंडल स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर अब तक बचे हुए थे. आखिरकार मंगलवार को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

बोलपुर अनुमंडल अस्पताल के डॉ चंद्रनाथ अधिकारी ने News18 को बताया कि संस्थान के अधीक्षक ने उन्हें टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल के लिए एक खाली कागज पर प्रिस्क्रिप्शन लिखने के लिए कहा था. (फाइल फोटो)

सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अपने पत्र के साथ दो प्रिस्क्रिप्शन की प्रतियां संलग्न कीं और जांच एजेंसी के अधिकारियों से अपने शहर कार्यालय में पेश होने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा. प्रिस्क्रिप्शन एसएसकेएम और बोलपुर अस्पतालों के डॉक्टरों के थे. बोलपुर अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टर चंद्रनाथ अधिकारी ने कहा कि अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर बुद्धदेव मुर्मू ने उन्हें मेडिकल जांच के लिए मंडल के आवास पर जाने का आदेश दिया था.

डॉक्टर चंद्रनाथ ने News18 को बताया कि ‘मेरा पहला संदेह तब सामने आया, जब अधीक्षक ने मुझे एक ब्लैंक पेपर पर प्रिस्क्रिप्शन लिखने के लिए कहा. फिर, जब मैं उसे देखकर वापस आ रहा था, तो एक पुरुष नर्स ने मुझे यह कहने के लिए बुलाया कि अस्पताल के अधिकारी ने मुझे अस्पताल की सील का इस्तेमाल न करने के लिए कहा था. तब उनका खेल मेरे लिए स्पष्ट हो गया. मेरी अंतरात्मा ने मुझे सच के साथ बाहर आने के लिए प्रेरित किया. अगर मैं अकेला होता तो मुझे डर नहीं लगता, लेकिन अब मुझे डर है, क्योंकि मेरा एक छोटा बच्चा है. हमारे पास एक उच्च श्रेणी का सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल है, लेकिन निचले स्तर पर ऐसे लोग हैं, जो भ्रष्ट हैं.’

उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक के साथ अपनी कथित बातचीत का एक ऑडियो क्लिप भी जारी किया है. इससे पहले सीबीआई अधिकारी बुधवार को जब सुबह 11 बजे एजेंसी के कोलकाता कार्यालय में पेश होने के लिए मंडल को समन करने उनके आवास पहुंचे, उसी समय बोलपुर उप-मंडल अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम भी वहां पहुंची. प्रारंभिक जांच के बाद मेडिकल टीम एक ब्लैंक पेपर पर मंडल को 14 दिन के बेड रेस्ट के लिए चिकित्सीय सलाह देकर बाहर निकली.

10 अगस्त तक छुट्टी पर रहने वाले डॉ मुर्मू ने कहा कि बीरभूम जिला प्रशासन ने उन्हें मंडल के घर एक मेडिकल टीम भेजने के लिए कहा था. उन्होंने मीडिया से कहा कि भले ही मैं छुट्टी पर हूं, लेकिन मैं जिला प्रशासन से निर्देश मिलने के बाद एक मेडिकल टीम भेजने के लिए बाध्य था.