‘मैं एक कन्फ्यूज्ड आत्मा थी, पापा तब तक मारा करते थे जब तक बेहोश न हो जाऊं’, छलका उर्फी जावेद के बचपन का दर्द

जिस उर्फी जावेद को अक्सर कम और अतरंगी कपड़ों में देखकर सोशल मीडिया पर लोग उनका मजाक उड़ाया करते हैं, उनके बचपन का किस्सा दिलों को झकझोर देने वाला है और ये बातें उन्होंने खुद बताई हैं। उर्फी ने बताया है कि बचपन में उनके पापा उनकी तब तक पिटाई किया करते थे जब तक कि वो बेहोश न हो जाएं।

  • सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना

    सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना

    रिएलिटी शो ‘बिग बॉस ओटीटी’ की कंटेस्टेंट उर्फी जावेद अक्सर अपने कपड़ों के अंदाज, फैशन और बोल्ड स्टेटमेंट को लेकर चर्चा में रहती हैं। लोग अक्सर सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना किया करते हैं।

     

  • पिता से मिले दर्द का उर्फी ने किया जिक्र

    पिता से मिले दर्द का उर्फी ने किया जिक्र

    और ऐसा नहीं है कि उन आलोचनाओं का उनपर कोई फर्क नहीं पड़ता। ये सारी बातें उन्हें अंदर तक चोट कर जाती हैं। हाल ही में यूट्यूबर रणवीर अलाहाबादिया से पॉडकास्ट पर बातें करते हुए उर्फी जावेद ने अपने बचपन की तकलीफों और पिता से मिले दर्द का जिक्र किया।

     

  • मां ने काफी कम उम्र में ही शादी कर ली थी

    मां ने काफी कम उम्र में ही शादी कर ली थी

    उर्फी ने बताया कि उनके पिता काफी रूढ़िवादी और पुराने खयालों वाले हैं। उनके पापा उन्हें बचपन में खूब पीटा करते थे। उर्फी ने बताया कि उनकी मां ने काफी कम उम्र में ही शादी कर ली थी और ये सब उनके लिए आसान नहीं था।

     

  •  बताया- मैं एक कन्फ्यूज्ड आत्मा थी

    बताया- मैं एक कन्फ्यूज्ड आत्मा थी

    उर्फी ने इस पॉडकास्ट में बताया कि बचपन में उन्हें क्या चीजें पसंद हुआ करती थीं। उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही काफी ओवरकॉन्फिडेंट थीं और थोड़ी वियर्ड भी…उनके कोई दोस्त भी नहीं थे। उर्फी ने बताया- मैं एक कन्फ्यूज्ड आत्मा थी।

  • हो सकता है कि मैं सोसायटी पर एक धब्बा हूं

    हो सकता है कि मैं सोसायटी पर एक धब्बा हूं

    उर्फी ने बताया कि अब जो उनकी ट्रोलिंग होती है, उसका काफी असर उनपर पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि जो वे कहते हैं वो सही भी हो और मैं औरत बनने के लायक नहीं। हो सकता है कि मैं सोसायटी पर एक धब्बा हूं या फिर हो सकता है कि मैं सोसायटी के यंगर जेनरेशन के लिए एक बुरा उदाहरण हूं।’

     

  • हो सकता है कि कोई मुझे स्वीकार नहीं करे

    ‘हो सकता है कि कोई मुझे स्वीकार नहीं करे’

    उर्फी ने आगे कहा, ‘ट्रोल के शब्दों में हो सकता है कि मैं एक s**t हूं, लेकिन मैं क्विट नहीं कर सकती। क्या मैं इतनी बुरी हूं? हो सकता है कि कोई मुझे स्वीकार नहीं करे, कोई फैमिली मुझे न अपनाए। उन्होंने बातों-बातों में बताया कि उन्हें लगता है कि कोई भी उनसे दोस्ती नहीं करना चाहता।

     

  • पापा उन्हें तब तक पीटा करते थे जब तक बेहोश न हों

    पापा उन्हें तब तक पीटा करते थे जब तक बेहोश न हों

    उर्फी ने अपने पापा के बारे में भी बातें कीं। उन्होंने कहा कि उनके पापा बहुत ही पुराने खयालों वाले थे और मां को काफी छोटी उम्र में अपने 5 बच्चों को पालना पड़ा। अपने तकलीफ भरे बचपन की कहानी शेयर करते हुए उर्फी ने कहा कि कैसे उनके पापा उन्हें तब तक पीटा करते थे जब तक कि वो बेहोशी की हालत क न पहुंच जाएं।

     

  • वो गुस्सा भी मुझपर ही उतरता था

    ‘वो गुस्सा भी मुझपर ही उतरता था’

    उन्होंने बताया, ‘मैं अपने पापा के बहुत करीब नहीं थी। यदि मां-पापा में से कोई एक नाराज होते तो वो गुस्सा भी मुझपर ही उतरता था।’ उन्होंने कहा, ‘आप मारकर समझोगे किसी बच्चे को कि वो बेहोश हो जाए तो फिर क्या ही समझ आएगा उसे। आप पलट के तो कुछ बोल नहीं सकते हो तो वो गुस्सा बढ़ता जाता है। और फिर एक पॉइंट पर आकर आपको लगता है- हो गया यार।’

     

  • बहुत नेगेटिव असर करता है बच्चों पर

    बहुत नेगेटिव असर करता है बच्चों पर

    उर्फी ने कहा, ‘जब बच्चा बड़ा हो जाता है और उसपर आप हाथ उठाते हो तो वो बहुत नेगेटिव असर करता है उसपर।