IAS Ranu Sahu: मंत्री से पंगा, रातोंरात ट्रांसफर और अब ED का डंडा… DSP से आईएएस बनीं रानू साहू कौन?

ED Raids At IAS Ranu Sahu House: रायगढ़ कलेक्टर रानू शाहू के घर ED ने छापेमारी की है। मंगलवार की सुबह सुबह पांच बजे से ED के दर्जन भर से अधिक अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं। इनके खिलाफ बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत है। आइए बताते हैं कि आईएएस अधिकारी रानू साहू कौन हैं।

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IAS Ranu Sahu: मंत्री से पंगा, रातोंरात ट्रांसफर और अब ED का डंडा… DSP से आईएएस बनीं रानू साहू कौन?

छत्तीसगढ़ में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की टीम ने मंगलवार को कुछ कारोबारियों, नेताओं और आईएएस अधिकारियों के ठिकानों पर दबिश दी है। जिनके यहां ईडी की टीम ने दबिश दी है, उनमें कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, महासमुंद में रहने वाले उनके ससुर और पूर्व कांग्रेस विधायक अग्नि चंद्राकर, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू, बादल मक्कड़, सनी लुनिया, अजय नायडू, के ठिकानों पर कार्रवाई की है। सबसे ज्यादा चर्चा आईएएस रानू साहू की हो रही है। रानू साहू 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। कामों को लेकर वह कई बार चर्चा में रही हैं। अब ईडी के रडार पर हैं।

कौन हैं IAS रानू साहू

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IAS रानू साहू छत्तीसगढ़ की चर्चित महिला अधिकारी हैं। वह अभी रायगढ़ जिले की कलेक्टर हैं। 2010 बैच की IAS रानू साहू की गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती है। उनका जन्म छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका में हुआ है। पति का नाम जयप्रकाश मौर्य है। वह मंत्रालय में सचिव हैं। मां लक्ष्मी साहू जिला पंचायत की सदस्य हैं। पिता अरुण साहू हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। रानू साहू के दो बहन और एक भाई है। बहन महिला विकास विभाग में अधिकारी है।

DSP से बनी हैं IAS

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गरियाबंद की रहने वाली रानू साहू का चयन पहले राज्य पुलिस सेवा के लिए हुआ था। राज्य पुलिस सेवा में चयन के बाद वह डीएसपी के पद पर ज्वाइन की थीं। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी करती रहीं। 2010 में आईएएस बनने के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर ही मिला। इसके बाद राज्य के कई जिलों में उन्होंने काम किया है। रायगढ़ उनका चौथा जिला है। सबसे पहले कांकेर की कलेक्टर बनी थीं।

​जीएसटी कमिश्नर भी रहीं​

IAS रानू साहू ने बालोद कलेक्टर के बाद मंत्रालय में कई अहम पद संभाला हैं। उन्होंने पर्यटन मंडल के साथ-साथ जीएसटी कमिश्नर की भी जिम्मेदारी संभाली। उसके बाद उन्हें कोरबा का कलेक्टर बनाया गया था। कोरबा में एक साल से ज्यादा वक्त तक पदस्थ रहीं। कलेक्टर रानू साहू की बेहतर कार्यशैली को देखते हुए रायगढ़ जैसे बड़े जिले की बागडोर सौंपी गई है।

विवादों में भी रहीं IAS रानू साहू

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मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा था कि तत्कालीन कोरबा कलेक्टर की कार्यशैली हमेशा से विवादित ही रही है। ऐसा लगता है कि विवादों में घिरे रहना और विवादित काम करना उन्हें अच्छा लगता है। मंत्री ने कहा था कि वे जहां भी रहीं और जिस विभाग में रहीं विवादों में ही उलझी रहीं है। इसलिए उन्होंने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी की है। मंत्री ने कहा था कि तत्कालीन कोरबा कलेक्टर रानू साहू के पदस्थ होने के बाद से ही उन्होंने उनसे बात नहीं की है क्योंकि मैं उनकी कार्यप्रणाली से नाखुश हूं।

रातोंरात हुआ था तबादला

वहीं, मंत्री से विवाद के बाद आईएएस रानू साहू का रातोंरात तबादल हो गया था। उन्हें कोरबा से हटाकर रायगढ़ का कलेक्टर बना दिया गया था। अब ईडी की छापेमारी से वह फिर चर्चा में गई हैं। सरकार के मंत्री ने ही इनके खिलाफ जांच की मांग की थी। साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने डीएमएफ में गड़बड़ी का आरोप लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इनके खिलाफ लिखित शिकायत भेजी थी।