IAS Ritika Jindal showed the right path to the contractors of religion in Solan

सोलन में धर्म के ठेकेदारों को आईएएस रीतिका जिंदल ने काली का रूप धर दिखाया सही मार्ग

सोलन की कार्यकारी तहसीलदार  को अष्टमी के दिन  पंडितों ने  शूलिनी मंदिर में हवन में बैठने से किया  इनकार 

आज अष्टमी का त्यौहार है कन्याओं को घर घर में पूजा जाता है | नारी के सम्मान के लिए बड़े बड़े कसीदे कसे जाते है | लेकिन हम सभी की मानसिकता कैसी है  उसकी  आज SHOOLINI TEMPLE SOLAN में हुई घटना  पोल खोल रही है |  शूलिनी माता जो एक खुद देवी है और सोलन उनके ही आशीर्वाद से फल फूल रहा है | लेकिन इसी  मंदिर में जब  देवी की पूजा हो रही थी तब एक महिला ने इस पूजा में भाग लेने का आग्रह  किया लेकिन धर्म के ठेकेदारों ने उन्हें इस पूजा में भाग लेने से मना कर दिया यह जानते हुए भी कि जिस महिला को वह मना कर रहे है वह महिला रितिका जिंदल  यहाँ की तहसीलदार है और मंदिर का  सारा  प्रबंध भी वही देखती है |  लेकिन आईएएस रितिका जिंदल ने इस विरोध का  डट कर मुकाबला किया और  माता काली का बन कर   उन्हें अपना आदेश बदलने के लिए बाध्य भी  किया और पूजा में  भाग  लेकर उन्हें सही मार्ग भी दिखाया |

               रोष प्रकट करते हुए  IAS RITIKA JINDAL ने कहा की  आज अष्टमी के दिन जब हम महिला सम्मान के बात  करते है लेकिन उन्हें उनके अधिकारों में वंचित रखा जाता है | उन्होंने बताया कि वह सुबह मंदिर में  व्यस्थाओं का जायज़ा लेने गई थी | मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और पूजा करने पर कोई रोक नहीं है लेकिन वहां हवन चल रहा था | उन्होंने वहां मौजूद लोगों को हवन में भाग लेने का आग्रह किया | लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उन्हें साफ़ मना कर दिया और कहा कि जब से मंदिर में हवन हो रहा है तब से किसी भी महिला को हवन में बैठने का अधिकार नहीं है | इस विचार धारा को देखकर उन्हें भारी धक्का लगा और उन्होंने इस का जम कर विरोध किया | उन्होंने कहा कि सभी महिलाओं को इस विचारधारा को बदलने की आवश्यता है और इसे वह तभी बदल सकते है जब वह इस रूढ़िवादी सोच का विरोध करेंगी और  अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगी | उन्होंने कहा कि जब उन्हें हवन में बैठने से मना किया गया तो उन्होंने अपने अधिकारों के बारे में उन्हें सचेत करवाया और हवन में भाग भी लिया | उन्होंने कहा कि आज उनके द्वारा वर्षों से चली आ रही सोच और महिलाओं पर लगी बंदिशों को तोड़ कर मार्ग दिखाने का प्रयास किया है | और वह भविष्य में भी वह महिलाओं के हक के लड़ाई को जारी रखेंगी | उन्होंने कहा कि मैं एक अधिकारी बाद में हूँ और महिला पहले हूँ और महिला होने के नाते ही उन्होंने यह लड़ाई लड़ी है |