दीप्ति शर्मा को दमदार परफॉर्मेंस के जोर पर रैंकिंग में मिला बड़ा फायदा
दुबई. भारतीय हरफनमौला दीप्ति शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की ओर से मंगलवार को जारी महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय की नवीनतम रैंकिंग में गेंदबाजों की सूची में तीन स्थान के सुधार के साथ अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ तीसरे स्थान पर वापसी की है. वह हरफनमौला खिलाड़ियों की सूची में भी इसी स्थान पर हैं. दीप्ति को बांग्लादेश के सिलहट में जारी मौजूदा महिला एशिया कप 2022 में शानदार प्रदर्शन करने का रैंकिंग में फायदा मिला है.
उन्होंने ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन जबकि बांग्लादेश और थाईलैंड के खिलाफ दो-दो विकेट झटके थे. दीप्ति ने रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका की तेज गेंदबाज शबनम इस्माइल को पीछे छोड़ा, जबकि उनसे आगे इंग्लैंड की स्पिनर सोफी एक्लेस्टोन और सारा ग्लेन हैं. दीप्ति ने नवंबर 2019 में पहली बार रैंकिंग में तीसरा स्थान हासिल किया था.
वह इस दौरान बल्लेबाजों की सूची में भी एक स्थान सुधार करने में सफल रही हैं. बल्लेबाजों की रैंकिंग में वह 35वें पायदान पर हैं. हरफनमौला खिलाड़ियों की सूची में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की एश्ले गार्डनर को पीछे छोड़ा. गेंदबाजों की रैंकिंग में भारत की रेणुका सिंह (तीन स्थान के सुधार के साथ 8वें पायदान पर), स्नेह राणा (30 स्थानों के सुधार के साथ 15वें स्थान पर) और पूजा वस्त्राकर (सात स्थानों के सुधार के साथ 28वें पायदान पर) भी इस रैंकिंग में सुधार करने वाले खिलाड़ियों में शामिल हैं.
भारतीय बल्लेबाजों में जेमिमा रोड्रिग्स दो पायदान ऊपर छठे स्थान पर पहुंच गई हैं, जबकि उपकप्तान स्मृति मंधाना दूसरे स्थान पर बरकरार हैं. शेफाली वर्मा हालांकि बल्लेबाजों की सूची में दो स्थान खिसककर आठवें स्थान पर आ गई हैं. इस सूची में ऑस्ट्रेलिया की मेग लैनिंग शीर्ष पर बरकरार हैं
बता दें कि दीप्ति शर्मा पिछले महीने उस समय विवादों में घिर गई थीं, जब उन्होंने इंग्लैंड की चार्ली डीन को रन आउट किया था. 44वें ओवर में दीप्ति ने डीन को गेंद फेंकने से पहले क्रीज छोड़ते हुए पाया था और उन्हें रन आउट कर दिया था. चार्ली के आउट होते ही भारत 16 रनों से इंग्लैंड के खिलाफ यह मैच जीत गया था. भारत ने पहली बार इंग्लैंड पर 3-0 से क्लीन स्वीप किया. दीप्ति शर्मा के इस रन आउट के बाद क्रिकेट जगत दो टुकड़ों में बंट गया था. एक धड़ा इसे कानून सही होने के कारण ठीक बता रहा था तो वहीं दूसरा धड़ा इसे खेल भावना के विरुद्ध बता रहा था.