बेटा नहीं तो क्या…5 बेटियों ने पिता की अर्थी को दिया कंधा, निभाया फर्ज

आधुनिक के युग में बेटिया किसी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। हर क्षेत्र में बेटिया बेटों से आगे निकलकर पुराने जमाने के भ्रम को तोड़ने में लगी हैं। एक समय था जब घर पर बेटा न हो तो पिता के अंतिम संस्कार के समय चिता को मुखाग्नि देने का बड़ा सवाल खड़ा हो जाता था, लेकिन अब यह सवाल भी खत्म हो गया है। बेटा न होने पर बेटिया ही अब यह फर्ज भी निभा रही हैं।

 ऐसा ही एक मामला बुधवार को मंडी जिला कटौला क्षेत्र में देखने को मिला। जब 5 बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए मुखाग्नि देकर पिता का अंतिम संस्कार किया। बेटियां पिता की अंतिम यात्रा में श्मशान घाट तक गई और सभी रीति-रिवाजों को निभाया।

जानकारी के अनुसार कटौला क्षेत्र के चेतराम का मंगलवार देर शाम निधन हो गया। सूचना मिलने पर बुधवार को रिश्तेदार, सगे संबंधी व आसपास के लोग पहुंच गए। मृतक चेतराम का कोई भी बेटा नहीं है तो इसी को लेकर सभी ने एक राय बनाई की चेतराम की पांच बेटियां ही पिता का अंतिम संस्कार करेगी। इसके बाद पांचों बेटियां पिता की शव यात्रा में शामिल हुईं। पिता को श्मशान घाट पहुंचकर मुखाग्नि दी।