सवर्ण समाज की सोलन इकाई ने सोमवार को डीसी सोलन के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमे उन्होंने मांग की है कि 16 मार्च को शिमला में किए गए प्रदर्शन के बाद देर रात षड्यंत्र के दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन के नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था उन्हें जल्द रिहा किया जाए। इस दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन सोलन के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 16 मार्च को शिमला में जो प्रदर्शन उनके द्वारा किया गया वो अपने हक के लिए था,लेकिन षड्यंत्र रचकर पथराव कर के इस संगठन को तोड़ने की कोशिश की गई है।
उन्होंने कहा कि देवभूमि क्षत्रिय संगठन के लोग खुद भी वीडियो निकालकर देख रहे हैं की आखिर वे कौन लोग थे जिन्होंने पथराव किया। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस ने संगठन के अध्यक्ष रुमित ठाकुर, समेत अन्य पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद रिमांड पर लिया है, जबकि संगठन से जुड़े यह पदाधिकारी पुरी तरहा से बेकसूर और निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा अब तक 8 से 10 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि सवर्ण संगठन के पदाधिकारी स्वर्णों के हितों के लिए अपना आंदोलन चलाए हुए हैं, जबकि प्रदेश सरकार के इशारे पर इन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मामले बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 16 मार्च को भगवा झंडे लगाकर प्रदर्शन करने गए पदाधिकारी को पुलिस द्वारा जगह जगह रोका गया,जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार आवाज को दबाना चाहती है।
सवर्ण समाज की सोलन इकाई ने सोमवार को डीसी सोलन के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमे उन्होंने मांग की है कि 16 मार्च को शिमला में किए गए प्रदर्शन के बाद देर रात षड्यंत्र के दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन के नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था उन्हें जल्द रिहा किया जाए। इस दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन सोलन के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 16 मार्च को शिमला में जो प्रदर्शन उनके द्वारा किया गया वो अपने हक के लिए था,लेकिन षड्यंत्र रचकर पथराव कर के इस संगठन को तोड़ने की कोशिश की गई है।
उन्होंने कहा कि देवभूमि क्षत्रिय संगठन के लोग खुद भी वीडियो निकालकर देख रहे हैं की आखिर वे कौन लोग थे जिन्होंने पथराव किया। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस ने संगठन के अध्यक्ष रुमित ठाकुर, समेत अन्य पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद रिमांड पर लिया है, जबकि संगठन से जुड़े यह पदाधिकारी पुरी तरहा से बेकसूर और निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा अब तक 8 से 10 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि सवर्ण संगठन के पदाधिकारी स्वर्णों के हितों के लिए अपना आंदोलन चलाए हुए हैं, जबकि प्रदेश सरकार के इशारे पर इन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करने के साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मामले बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 16 मार्च को भगवा झंडे लगाकर प्रदर्शन करने गए पदाधिकारी को पुलिस द्वारा जगह जगह रोका गया,जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार आवाज को दबाना चाहती है।