गढ़वा. झारखंड के गढ़वा जिले में एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. दरअसल गढ़वा में मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए परिजन 108 एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, लेकिन जब काफी देर इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंचा तो मजबूरी में परिजन मरीज को ठेले पर लिटाकर अस्पताल पहुंचे.
दरअसल गढ़वा के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं अब नाम मात्र की रह गई हैं. कुछ दिन पहले ही न्यूज 18 हिन्दी ने खबर दिखाई थी जिसमें हमने बताया था किस तरह एक एम्बुलेंस सदर अस्पताल से मरीज को लेकर रांची के लिए निकलता तो है लेकिन रास्ते में ही एम्बुलेंस बंद हो जाता है और फिर ठेलने पर भी स्टार्ट नहीं होता है. उस समय इस खबर के चलने के बाद सदर अस्पताल द्वारा बेहतर व्यवस्था करने का दावा किया गया था. लेकिन, एक बार बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है.
गढ़वा में एंबुलेंस सिस्टम फेल !
यह पूरा मामला गढ़वा जिले श्री बंशीधर नगर का है, जहां इनदिनों जिले में एम्बुलेंस सिस्टम फेल होता दिखता है. यहां 108 एम्बुलेंस को कॉल करने के बाद भी समय सीमा के भीतर लोगों को एम्बुलेंस सेवा नहीं मिल रही है. दरअसल श्री बंशीधर नगर थाना क्षेत्र के अहिरपुरवा में पति-पत्नी के विवाद में हुई मारपीट की घटना में पांच लोग घायल हो गये थे घायल के परिजनों ने एम्बुलेंस के लिये फोन किया. लेकिन, काफी देर तक एम्बुलेंस नहीं आने पर लोग गंभीर रूप से घायल दो लोगों को ठेला पर लादकर अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया.
घायल महिला को ले जाना था अस्पताल
बताया जाता है कि श्री बंशीधर नगर थाना क्षेत्र के अहिपुरवा गांव में पति-पत्नी के बीच आपस में विवाद चल रहा था, दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि बीच बचाव करने पहुंचे लड़के के ससुराल वालों के बीच जमकर मारपीट हो गई, जिससे दोनों पक्षों से पांच लोग घायल हो गये. घटना में वीरेंद्र राम की मां सोनपतिया देवी की हालत गंभीर हो गई, जिन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 नंबर पर एंबुलेंस पर कॉल किया गया. लेकिन, एम्बुलेंस कॉल सेंटर से एक घंटे में एम्बुलेंस आने की बात कही गयी, जिसके बाद मां की हालत गंभीर होती देख तत्काल उन्हें ठेले पर लादकर अनुमंडल अस्पताल पहुंचा, जहां चिकित्सकों के द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है.