हिमाचल पथ परिवहन निगम प्रबंधन (एचआरटीसी) ने शिमला लोकल के क्षेत्रीय प्रबंधक जेपी शर्मा को सस्पेंड किया है. जेपी शर्मा ने 31 मार्च को रिटायर होना है. इस संबंध में एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने आदेश जारी किए हैं. जेपी शर्मा का हेड क्वार्टर परवाणू निर्धारित किया गया है. वह प्रबंधन की इजाजत के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ पाएंगे.
जानकारी के अनुसार, शिमला से चंडीगढ़ जाने वाली बस की तीन खिड़कियों में शीशे की जगह एलुमिनियम शीट लगी हुई थी. सूत्रों के अनुसार, इसकी शिकायत परिवहन मंत्री से की गई थी. परिवहन मंत्री ने इसका कड़ा संज्ञान लिया था और इसे बदलने को कहा था, लेकिन इसमें बदलाव नहीं हुआ तो प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 26 मार्च को चंडीगढ़ से शिमला आ रही लोकल डिपो की बस का प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने वाकनाघाट के पास निरीक्षण किया था. कुछ समय बाद प्रबंध निदेशक अपनी गाड़ी से शिमला से सटे तारादेवी पहुंचे और यहां पर प्रबंध निदेशक की गाड़ी ने इसी बस से पास लिया तो उनकी नजर टूटे शीशे पर पड़ गई. उन्होंने मोबाइल पर फोटो लिए और मंडलीय प्रबंधक (तकनीकी) को फोन कर बस के शीशे दुरुस्त करने के आदेश दिए. लेकिन आदेशों पर कार्रवाई नहीं हुई.
अब रिटायरमेंट से पहले उक्त अधिकारी निलंबन की मार झेलनी पड़ी है. अधिकारी सेवानिवृत्ति समारोह की तैयारी कर रहा था. मीडिया से बातचीत में क्षेत्रीय प्रबंधक शिमला लोकल का कहना है कि अड्डा इंचार्ज और वर्कशाप मैनेजर को बसें रूटों पर भेजने से पहले शीशों की स्थिति जांचने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके एल्यूमीनियम शीट लगी बस रूट पर भेज दी गई. इस बस को रूट पर चलाने से पहले वर्कशाप भेजने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि अड्डा इंचार्ज की लापरवाही का खामियाजा मुझे भुगतना पड़ा है.