होटल या रेस्तरां में लोग खाना खाने जाते रहते हैं। कभी परिवार के साथ, कभी दोस्तों के साथ, तो कभी अकेले ही। यहां जाकर लोग लजीज खाने का स्वाद लेते हैं, और बिल देते हैं। दरअसल, जो खाना आप ऑर्डर करते हैं उसका आपको बिल देना होता है। यही नहीं, कई लोग तो बिल के साथ टिप भी देते हैं और ये हर कोई अपनी खुशी से देता है। लेकिन जब खाने का बिल आपके पास आता है, तो आपने कभी न कभी ये नोटिस जरूर किया होगा कि आपको बिल में खाने के अलावा सर्विस चार्ज भी देने होते हैं। ये खाने के बिल का 5 फीसदी से 15 फीसदी तक सर्विस चार्ज वसूला जाता है। लेकिन क्या इसे देने की जरूरत है? क्या होटल या रेस्तरां आपसे ये जबरदस्ती ले सकता है? तो चलिए आपको बताते हैं कि इसको लेकर अब क्या नया नियम लागू हो गया है। आप अगली स्लाइड्स में इसके बारे में जान सकते हैं…
अभी क्या होता है?
होटल और रेस्तरां अपने ग्राहकों को बिल में मनमुताबिक सर्विस चार्ज लगाकर देते हैं, जिसे ग्राहकों से वसूला जाता है जो कि पूरी तरह गलत है। बिल में खाने के दाम के नीचे सर्विस चार्ज के नाम पर ग्राहकों से बिना उनकी मर्जी के पैसे लिए जाते हैं।
जारी हुई नई गाइडलाइंस
दरअसल, सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपीए ने होटल और रेस्तरां के बिल में लगने वाले सर्विस चार्ज को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है। इस नए नियम के मुताबिक, अब कोई भी रेस्तरां अपने ग्राहकों को सेवा देने के बदले में सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकता है।
जबरदस्ती नहीं ले सकते
इस नई गाइडलाइंस पर बोलते हुए कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि रेस्तरां किसी भी तरह के बिल में ग्राहक की इच्छा के बिना सर्विस चार्ज नहीं लगा सकता है। ये पूरी तरह से वैकल्पिक है यानी अगर ग्राहक की इच्छा होगी तो वो सर्विस चार्ज दे अन्यथा न दे।
गैरकानूनी होगा
कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री की होटल और रेस्तरां को सर्विस चार्ज वसूलने से रोकने को लेकर ये नया नियम लागू किया गया है। इसमें सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि सर्विस चार्ज लेना गैरकानूनी है। जबकि, रेस्टोरेंट एसोसिएश की तरफ से सर्विस चार्ज को गैरकानूनी नहीं बताया गया। इन सबके बीच अब सीसीपीए ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी है।
नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद भी अगर कोई होटल या रेस्तरां आपसे सर्विस चार्ज लेता है, तो आप इनकी शिकायत उपभोक्ता आयोग में कर सकते हैं। आप यहां पर ई-दाखिल शिकायत कर सकते हैं। फिर आपकी उचित मदद की जाती है।