दुनिया से अगर समंदर का नामोनिशान मिट जाए तो

हमारी धरती के 71 फ़ीसद हिस्से पर समंदर फैले हुए हैं. इनमें दुनिया में मौजूद कुल पानी का 97 प्रतिशत हिस्सा है.

समंदर के जानकार कहते हैं कि इन में 1.35 अरब क्यूबिक किलोमीटर पानी मौजूद है. अब तक इंसान ने समुद्र के केवल पांच फ़ीसद हिस्से को ही खंगाला है.

समंदर, हमारी पृथ्वी पर जीवन का सबसे बड़ा स्रोत हैं. यहीं से धरती पर ज़िंदगी के विकास की बुनियाद पड़ी थी. अब तक समुद्रों में मौजूद जीवों की 2 लाख 30 हज़ार प्रजातियों का ही पता लगाया जा सका है.

लेकिन, जानकार कहते हैं कि चूंकि हम ने अब तक समुद्र का केवल पांच फ़ीसद हिस्सा ही खंगाला है, तो इस में मौजूद जीवों की प्रजातियों की संख्या 20 लाख से भी ज़्यादा हो सकती है.

समुद्रों से ही दुनिया का मौसम तय होता है. बारिश होती है. गर्मी पड़ती है. अंतरिक्ष में चारों तरफ़ सिर्फ़ काला रंग ही दिखता है. इस में सबसे अलग दिखती है हमारी धरती. नीली-हरी धरती का ये रंग समंदर की वजह से ही है.