आप घूमने के शौकीन हैं, तो अमृतसर आपकी गुड लिस्ट में जरूर होगा। यूं तो यह शहर अपने स्वर्ण मंदिर के लिए मशहूर है। जहां देश-दुनिया से एक बड़ी संख्या में लोग अपना मत्था टेकने के लिए पहुंचते हैं। मगर इसके अलावा वहां बहुत कुछ और भी है, जो उसे खास बनाता है।
अलग-अलग जगहों पर पाया जाने वाला लजीज खाना उनमें से एक है। कुछ लोग इसे भारत का कलीनरी कैपिटल भी कहते हैं। कुल मिलाकर पेट पूजा के लिए बेस्ट शहर है। तो आइए जानते हैं कि एक दिन की ट्रिप के दौरान हम वहां की किस-किस का आनंद ले सकते हैं:
1.’ गुरु का लंगर’
यदि आपका स्वर्ण मंदिर जाने का इरादा है, तो हमारी सलाह है कि आप ‘गुरु का लंगर’ के लिए जरूर आएं। लंगर एक कम्युनिटी फूड है, जो बड़े पैमाने पर (कम से कम एक साथ 4०००० लोगों के लिए) मंदिर परिसर के अन्दर ही रसोई में तैयार किया जाता है।
इसमें हर जाति, धर्म, समुदाय के लोगों का स्वागत किया जाता है। यहां पंक्तियों में बिठाकर लोगों को खाना खिलाने का चलन है। खास बात यह कि वालंटियर ही सबको खाना परोसते हैं। इस काम के लिए उनका समर्पण भाव किसी को भी भावुक कर सकता है।
यहां का काडा प्रसाद इतना स्वादिष्ट होता है कि इसे पाने के लिए आए भक्तों और लोगों को लाइन में खड़े रहकर भीड़ में धक्के खाना भी बुरा नहीं लगता। यह शायद इसलिए, क्योंकि भेदभाव और असमानता जैसी चीजें मंदिर परिसर के भीतर आते ही कहीं दूर छूट जाती है।
2. ‘भरवां दा ढाबा’
पंजाब में यदि आप ट्रेडिशनल पंजाबी भोजन की इच्छा रखते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। सरसों साग के साथ मक्के की रोटी। छोले के साथ (आलू या पनीर स्टफ्ड) भरवां कुल्चे। ये सब कुछ ऐसी चीजें हैं, जो दिल्ली हो या लंदन। यहां से बेहतर कहीं नहीं मिल सकती।
ध्यान रखें, स्वर्ण मंदिर के पास होने के कारण ‘भरवां दा ढाबा’ शुद्ध शाकाहारी है। वैसे यदि आप विशुद्ध मांसाहारी भी हैं, तभी भी आपको यहां एक बार ज़रूर जाना चाहिए। यकीन मानिए स्वाद लंबे समय तक आपकी जुबान से नहीं उतरेगा।
3.’पाल दा ढाबा’ में पाया
यदि आप आम चीजों को खाकर बोर हो चुके हैं। और कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं। तो ‘पाये’ एक अच्छा विकल्प हो सकता है। ये बहुत लज़ीज होते हैं। इसके स्वाद के लिए आप हाथी गेट के पास स्थित ‘पाल दा ढाबा’ जा सकते हैं। खास बात यह कि इसका मालिक आज भी खुद किचन में आयरन शेफ (Iron Chef) की कमान संभालता है।
गरम मसाला, मिर्च और दाल के पत्तों से बने इस शोरबे में ढेर सारे ‘पाया’ के पीस रहते हैं। इसे खाने का असली मजा तो कीमा पराठा के साथ है। ध्यान रहे कि ये इतने नाजुक होते हैं कि आपके हाथ में ही ये छोटे छोटे टुकड़ों में टूटने लगते हैं।
4. ‘बीरा चिकन कॉर्नर’ पर चिकन टिक्का तंदूरी
लोकप्रिय टेलीविजन सीरीज़ ‘हाईवे ऑन माई प्लेट’ में, ‘बीरा चिकन कॉर्नर’ को दिखाया गया था। दिखने में कुछ खास नहीं है, लेकिन यहां का भोजन काफी लजीज़ है! यहां बैठने की क्षमता काफी सीमित है। इसलिए यदि आप अपनी कार/गाड़ी में ही इसका आनन्द लेना चाहते हैं, तो मेजबान (ढाबा वाले) खुशी-खुशी आपकी सेवा करने के लिए तैयार होंगे।
यहां मिलने वाला चिकन-टिक्का मसालेदार होता है। कीमा-नान के साथ इसकी जोड़ी क्या खूब जमती है। यदि ये कॉम्बो अगर थोड़ा बहुत कमजोर लगे। तो मसालेदार ग्रेवी भी यहां मुफ्त में पेश की जाती है। यहां आप अपनी खरीदी हुई शराब का मजा भी सकते हैं।
5. आदर्श मीट शॉप पर ‘मटन चाॅप’
इस जगह को ढूढ़ने में आपको थोड़ी-बहुत दिक्कत हो सकती है, लेकिन अगर आप रोज गार्डन के पास ‘सी-ब्लॉक मार्केट काम्प्लेक्स पहुंच जाते हैं। तो कोई भी लोकल आदमी आपको वह बता देगा, जिसकी आपको तलाश है।
यहां पहुंचने के बाद ऑर्डर की लंबी कतार देखकर आप थोड़ा निराश हो सकते हैं। मगर जब यहां के खाने का स्वाद लेगे, तो सारी निराशा खत्म हो जाएगी।
हल्का तला, और धीमी आंच पर पकाया जाने वाला यहा का मुलायम मटन चाप लजवाब होता है। चॉप खाने के बाद, अभी भी अगर आपके मुंह में पानी आना बंद न हुआ हो, तो आप यहां का मटन टिक्का ट्राई कर सकते हैं। यह भी काफी लजीज़ होता है।
6. ‘आहूजा लस्सी’
जहां तक लस्सी का सवाल है, यह दुकान लस्सी का बेंचमार्क है। यह हिंदू कॉलेज और दुर्गियाना मंदिर के पास मौजूद है। हर ऑटोवाले को इस जगह के बारे में पता है। अतः यहां आने वालों में आप अकेले नहीं हो। जिस तरह से आहूजा के सिकरेट इनग्रेडिएंट के साथ लस्सी को मथा जाता है। उसके शब्दों में नहीं बया किया जा सकता।
यहां की लस्सी को लगातार पीने वाले भी आज तक इसमें मौजदू सिकरेट इनग्रेडिएंट को नहीं समझ पाए हैं। हमारी सलाह मानें तो आप सुबह में सबसे पहले एक लंबे स्टील ग्लास में इसका स्वाद ले ही आएं।
7. ‘मामे दा ढाबा’ पर भेजा फ्राई
कुछ लोगों को तो नाम से ही परहेज है! वहीं कई लोगों के लिए यह एक यम्मी डिश है…। यहां का मालिक खुद को ‘मामा’ कहता है। इसमें बकरे के भेजे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मसाले और जड़ी-बूटियों के साथ भूना जाता है।
इसमें कोई करी नहीं होती। भुनने के बाद भी इसका अपना रंग बरकरार रखता है। यह इतना नरम और स्वादिष्ट होता है कि मुंह में डालते ही पिघलकर गायब हो जाता है। नान और मक्खन के साथ भी आप इसका आनंद उठा सकते हैं!
8. ‘शर्मा स्वीट शॉप’ की जलेबी
यहां की बड़ी-बड़ी, कम रस वाली, कड़क जलेबियों को खाने का आनंद ही कुछ और है।
9. हॉल बाज़ार का ‘फ्रूट क्रीम और कुल्फा’
फ्रूट क्रीम! यह पतले-पतले कतरे हुए बर्फ की तरह फल, क्रीम और सूखे मेवे का मिश्रण है। यह इतनी ज्यादा मात्रा में परोसा जाता है कि आप इसे पूरा खा भी नहीं पाते हैं। कुल्फा, नाम से ऐसा लगता है मानो कुल्फी की अमृतसर वाली कज़न हो। यह भी एक प्रकार की आइसक्रीम ही है, जिसे स्पेगेटी फलूदा के साथ परोसा जाता है।
10. कान्हा स्वीट्स की पिन्नी
पिन्नी एक प्रकार का लड्डू हैं, जो विभिन्न प्रकार के दाल और गुड़ से बने होते हैं। यह अमृतसर का एक पॉपुलर आइटम है। कान्हा स्वीट्स पर पिन्नी के अलावा अदभुत हलवे और बेसन के लड्डू भी मिलते हैं।
11. ‘नौवल्टी स्वीट्स’ का गाजर का हलवा
मोटे-मोटे कटे हुए गाजर के टुकड़ों से बना हलवा, जो दूर से कोई ख़ास सुन्दर नहीं दिखता। मगर जब इसे आप अपनी जुबान पर रखेंगे तो हैरान रह जाएंगे। दरअसल, यहा का गाजर का हलवा न तो बहुत मीठा होता है, न ही उससे घी टपक रहा होता। मगर फिर भी कुछ खास होता है। इसको खाने के बाद ही आप समझ पाएंगे कि यह कैसे दूसरे गाजर के हलने से अलग है।
इस सूची में कई और नाम हो सकते हैं। अगर आप इनके अलावा अमृतसर की किसी खास जगह के खाने के बारे में जानते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में हमारे साथ जरूर शेयर करें।