नई दिल्ली. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) पर बहुत जल्द ही निर्धारित गति सीमा (Speed Limit) का पालन नहीं करने पर आपसे चालान (Challan) वसूला जा सकता है. इस एक्सप्रेसवे पर चिपियाना रेलवे ओवर ब्रिज बन कर तैयार हो जाने के बाद ओवरटेक (Overtaking) करने के दौरान निर्धारित गति सीमा का पालन नहीं करने पर 500 रुपये का चालान वसूला जाएगा. आपको बता दें कि देश में ज्यादातर दुर्घटनाएं ओवरटेकिंग के दौरान ही होती हैं. ओवरटेक करते समय आपको अपनी गाड़ी की स्पीड (Vehicle Speed) का विशेष ध्यान रखना होता है. खासकर सिंगल रोड पर ओवरटेक करते समय ड्राइवरों को काफी सावधानी बरतनी पड़ती है. इसी तरह अब अगर आप एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चला रहे हैं तो ओवरटेक के दौरान निर्धारित गति सीमा से कम स्पीड पर गाड़ी चलाने पर चालान भी कट सकता है. मोटर व्हीकल ऐक्ट में समय-समय पर संशोधन होते रहते हैं, जिसके बाद नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि में भी बढ़ोतरी की जाती है.
गाड़ी चलाने के दौरान ओवरटेकिंग की दक्षता बेहद जरूरी होती है, क्योंकि सड़क पर दूसरी तरफ से ट्रैफिक आ रहा होता है. बहुत से लोग सामने से आने वाले यातायात को ठीक से अनुमान नहीं लगा पता हैं और दुर्घटना घट जाती है. खासकर एक्सप्रेसवे पर निर्धारित गति सीमा से नीचे लोग वाहन चलाते हैं. इससे पीछे आने वाली गाड़ियों को ओवरटेकिंग का रास्ता नहीं मिलता है. इससे कई बार जाम भी लग जाता है.
ओवरटेक को लेकर एनएचआई चालान काटने की तैयारी में
फिलहाल ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर ओवरटेक लेन में निर्धारित गति सीमा का पालन नहीं करने पर चालान काटे जा रहे हैं. एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलाने के दौरान नियम कहता है कि अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो ओवरटेक करते समय आपको बीच लेन में आना होगा. इससे पीछे से आने वाली गाड़ी बिना रुकावट के ओवरटेक कर सके.
एक्सप्रेसवे पर क्या है गाड़ी की गति सीमा
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर ओवरटेक करने के लिए 120 किमी की रफ्तार से गाड़ी चलाना होता है. इसी तरह मध्य लेन में गाड़ी की रफ्तार 100 किमी है और 80 किमी फूटपाथ किनारे लेन की स्पीड है. अब मेरठ एक्सप्रेसवे पर कार की स्पीड 100 किमी और बस की 80 किमी निर्धारित की गई है. इसी तरह यमुना एक्सप्रेसवे पर कार की रफ्तार 100 किमी और ट्रक-बस 80 किमी प्रति घंटा निर्धारित है.
ओवरटेक कब करनी चाहिए
आपको गाड़ी की ओवरटेकिंग के समय कई बातों का ध्यान रखना होता है. कब ओवरटेकिंग करनी चाहिए और कब नहीं करनी चाहिए. सिंगल रोड पर दोनों तरफ से ट्रैफिक आ रहा होता है. यहां ज्यादा सावधानी दिखाने की जरूरत होती है. ऐसे रास्ते पर ओवरटेकिंग करते वक्त यह देखना होता है कि आपके पीछे कोई वाहन आपको ही नहीं ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा है. इसके बाद अपनी गाड़ी को सामने चल रही गाड़ी से तकरीबन 25 मीटर दूर रखते हुए उस वाहन के रास्ते को देखने की कोशिश करें. अगर रास्ता साफ दिख रहा है और आगे से कोई वाहन नहीं आ रहा है तो फिर अपनी गाड़ी की स्पीड बढ़ाएं और आगे बढ़ जाएं.
कुलमिलाकर कानूनी रूप से नियमों मे कोई खास बदलाव नहीं होता है, परंतु सुरक्षा की दृष्टि से लेन संबंधी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होता है. चूंकि हाइवे पर वाहनों की गति शहर की तुलना मे बहुत अधिक होती है, इसलिए कोई भी चूक ज्यादा हानिकारक साबित हो सकती है.