डेड सी में बिना हाथ पैर मारे आसानी से तैरिए, नहीं डूबेंगे
समुद्र (Sea) में तैराने का नाम सुनते ही अच्छे अच्छों की हवाइयां उड़ जाती है। बेशक आपको तैराना आता हो, लेकिन फिर भी डर तो लगता ही है। अब मैं आपको एक ऐसे समुद्र के बारे में बताने जा रहा हूं। वहां आप दिल खोलकर समुद्र में तैर (Swim) सकते हैं, वो भी बिना हाथ-पैर मारे। जी हांए ये समुद्र है डेड सी (Dead Sea) और जॉर्डन और इजराइल (Israel) के बीच स्थित है। यह समुद्र दुनिया (World) की सबसे गहरी खारे पानी की झील (lake) के रूप में प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि इस समुद्र के पानी में उछाल तो आता है, लेकिन नमक (Salt) के दवाब के कारण कोई इसमें डूबता ही नहीं है। इस वजह से यहां हमेशा पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।
आपको जानकर यह हैरानी होगी कि डेड सी समुद्र तल से करीब 1388 फुट नीचे पृथ्वी के सबसे निचले बिंदू पर है। इसके साथ ही ये समुद्र करीब 3 लाख वर्ष पुराना है। इस समुद्र की डेंसिटी इतनी ज्यादा है कि इसमें पानी का बहाव नीचे से ऊपर की ओर है और यही कारण है कि इस समुद्र में सीधे लेट जाने पर आप इसमें डूब नहीं सकते। डेड सी नाम के पीछे की सबसे बड़ी वजह है। इसके पानी का खारापन। इस समुद्र का पानी इतना अधिक खारा है कि इसमें कोई भी जीव जीवित नहीं रह पाता है। यहां न तो कोई पेड़-पौधा है और न ही कोई घास। इस समुद्र में मछली (Fish) और अन्य जीव नहीं पाए जाते हैं। इसके पानी में पोटाश, ब्रोमाइड, जिंक (Zink), सल्फर, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल साल्ट भी काफी मात्रा में हैं, जिसकी वजह से इससे निकलने वाले नमक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। डेर सी को खारे पानी की सबसे निचली झील भी कहा जाता है। 65 किलोमीटर लंबा और 17 किलोमीटर चौड़ा यह सागर अपने उच्च घनत्व के लिए जाना जाता है। डेड सी में मुख्यत: जॉर्डन नदी (Jordan River) और अन्य छोटी नदियां आकर गिरती हैं। इसमें जीवाणुओं की 11 जातियां पाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त डेड सी में प्रचुर मात्रा में खनिज पाए जाते हैं। ये खनिज पदार्थ वातावरण के साथ मिल कर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक वातावरण बनाते हैं। डेड सी अपनी विलक्षणताओं के लिए कम से कम चौथी सदी से जाना जाता रहा है,
जब विशेष नावों द्वारा इसकी सतह से शिलाजीत (Shilajit) निकालकर मिस्रवासियों को बेचा जाता था। यह चीजों को सड़ने से बचाने, सुगंधित करने के अलावा अन्य दूसरे कार्यों के उपयोग में आता था। इसके अतिरिक्त मृत सागर के अंदर की गीली मिट्टी को क्लेयोपेट्रा की खूबसूरती के राज से भी जोड़ा जाता है। यहां तक कि अरस्तू ने भी इस सागर के भौतिक गुणों का जिक्र किया है। हाल के समय में इस जगह को हेल्थ रिज़ॉर्ट (Health Resort) के तौर पर विकसित किया गया है। आम पानी की तुलना में मृत सागर के पानी में 20 गुना ज्यादा ब्रोमीन, 50 गुना ज्यादा मैग्नीशियम और 10 गुना ज्यादा आयोडीन होता है। ब्रोमीन धमनियों को शांत करता है, मैगनीशियम त्वचा की एलर्जी से लड़ता है और श्वासनली को साफ करता है, जबकि आयोडीन कई ग्रंथियों की क्रियाशीलता को बढ़ाता है। सौंदर्य और स्वास्थ्य के लिए डेड सी के गुणों की सिद्धि की वजह से ही कई कंपनियां डेड सी से ली गईं चीजों पर आधारित सौंदर्य प्रसाधन बनाती हैं। इसके गर्म सल्फर सोते और कीचड़ कई बीमारियों के इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं। खासकर आर्थराइटिस और जोड़ों से संबंधित बीमारियों के इलाज में, लेकिन पिछले कुछ सालों से डेड सी तेज़ गति से सिमट रहा है। पिछले 40 सालों में इसके पानी का तल 25 मीटर कम हो गया है। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि 2050 तक शायद यह पूरी तरह गायब हो जाएगा।