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वनमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में पेड़ों का अवैध कटान, गार्ड और फॉरेस्ट वर्कर सस्पेंड

धर्मशाला: ज्वाली विधानसभा क्षेत्र की सरहद और वनमंत्री राकेश पठानिया की विधानसभा क्षेत्र के मिंझग्रा वीट में सैंकड़ों पेड़ों के अवैध कटान का मामला सामने आया है. मुख्य अरण्यपाल वन विभाग धर्मशाला ने वनों के अवैध कटान पर कड़ी कार्रवाई की मुहिम छेड़ी हुई है. जहां-जहां से अवैध कटान की शिकायत मिल रही हैं, वहां जांच की जा रही है.

इस कार्रवाई के चलते मुख्य अरण्यपाल वन विभाग धर्मशाला डीआर कौशल ने मिंझग्रां बीट में खैर के पेड़ों पर अवैध तरीके से कुल्हाड़ी चलने की शिकायत पर विभागीय 25 कर्मियों की टीम के साथ मुआयना किया तो पाया काफी ज्यादा पेड़ों को काटा गया है, जिनकी अभी तक गिनती की जा रही है.

इनको देखने के बाद मुख्य अरण्यपाल वन विभाग धर्मशाला डीआर कौशल ने फौरन कार्रवाई करते हुए बीट के गार्ड सिकन्दर कुमार और फॉरेस्ट वर्कर सुरिंदर कुमार को सस्पेंड कर दिया है. इस बीट के डिप्टी रेंजर के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही है. हालांकि डिप्टी रेंजर 31मार्च 2022 को सेवानिवृत हो गए हैं.

वन विभाग धर्मशाला के मुख्य अरण्यपाल डीआर कौशल ने कहा कि हमें मिंझग्रां बीट में अवैध कटान की शिकायत मिली थी जिस पर मैंने स्वयं विभागीय कर्मियों को साथ लेकर घटनास्थल पर पहुंचे और पाया कि काफी ज्यादा अवैध कटान हुआ है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई करते हुए फारेस्ट गार्ड सिकन्दर व फारेस्ट वर्कर सुरिंदर कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है.

31 मार्च को रिटायर हुए डिप्टी रेंजर के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से काटे गए पेड़ों की अभी तक गिनती नहीं हो पाई है. टीम गिनती कर रही है। उन्होंने कहा कि इसमें संलिप्त अन्य लोगों को भी बख्शा नहीं जाएगा।

उधर वुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि अगर किसी गांव में सड़क निर्माण या वाटर टैंक का निर्माण करना हो तो विभाग अनुमति तक नहीं देता. यंहां कुछ पैसे के लोभियों ने सैंकड़ों पेड़ों की वलि ले ली है. विभाग कहां सोया हुआ था. उनका कहना है कि यह सब अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत व सांठगांठ से हुआ है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि इसकी ऩिष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

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