IMD Weather Forecast: बारिश कम, तापमान ज्‍यादा… अगस्‍त-सितंबर में मौसम कैसा रहेगा, जान लीजिए

IMD Monsoon Rainfall Forecast For August-September 2022: मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बिहार व कुछ अन्‍य मैदानी इलाकों में बरसात की कमी का सिलसिला जारी रह सकता है। IMD ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे धान पैदा करने वाले राज्‍यों में कम बारिश हुई है।

नई दिल्‍ली: मौसम विभाग ने कहा है कि अगस्‍त-सितंबर के बीच देश में सामान्‍य बारिश होगी। मॉनसून के चलते बारिश का लॉन्‍ग पीरियर एवरेज (LPA) के 94% से 106% के बीच रहने का अनुमान है। पूर्व और पूर्वोत्‍तर भारत में बारिश कम हुई है और आगे भी ऐसी ही स्थितियां रह सकती हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बिहार व गंगा के अन्‍य मैदानी इलाकों व पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों में अगस्‍त-सितंबर के बीच बारिश में कमी देखने को मिलेगी। झारखंड, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश और गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्‍सों में कम बारिश की थोड़ी भरपाई अगले दो महीनों में हो सकती है। IMD के महानिदेशक मृत्‍युंजय मोहापात्रा ने सोमवार को मॉनसून सीजन के दूसरे हॉफ का पूर्वानुमान जारी किया। इसके मुताबिक, दक्षिण भारत, दक्षिण-मध्‍य भारत और उत्‍तर-पूर्व भारत में सामान्‍य से ज्‍यादा बारिश देखने को मिलेगी। हालांकि, धान की रोपाई चिंता का विषय बना हुआ है क्‍योंकि गंगा के मैदानी इलाकों में कम बारिश हुई है।

अगस्‍त-सितंबर में पारा चढ़ा रहेगा!
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में कहा कि भारत के ज्‍यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान ‘सामान्‍य या उससे ज्‍यादा’ रहेगा। मतलब अगस्‍त‍-सितंबर के बीच गर्मी पिछले साल से ज्‍यादा पड़ेगी। यह भविष्‍यवाणी पूर्व-मध्‍य, पूर्व और पूर्वोत्‍तर भारत व दक्षिण के आंतरिक प्रायद्वीपीय इलाकों के लिए की गई है। बाकी हिस्‍सों में अधिकतम तापमान ‘सामान्‍य या उससे कम’ रहने का अनुमान है। न्‍यूनतम तापमान को लेकर IMD ने कहा कि पूर्व-मध्‍य, पूर्व, पूर्वोत्‍तर व उत्‍तर-पश्चिम भारत के पहाड़ी इलाकों में रात के वक्‍त पारा ‘सामान्‍य या उससे ज्‍यादा’ रहेगा। वहीं, उत्‍तर-पश्चिम, पश्चिम-मध्‍य और दक्षिण भारत में रात के वक्‍त तापमान ‘सामान्य या उससे कम’ रहने का पूर्वानुमान है।

IMD August September Forecast

खरीफ की फसलों पर पड़ेगा असर
कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को जो डेटा जारी किया, उसके मुताबिक 29 जुलाई तक 231 लाख हेक्‍टेयर भूमि पर धान की रोपाई हो चुकी थी। पिछले साल इतने वक्‍त तक 267 लाख हेक्‍टेयर में धान रोपा जा चुका था। मतलब पिछले साल से इस साल धान की रोपाई में अबतक 13% की गिरावट देखने को मिली है। पंजाब में धान की रोपाई पिछले साल से ज्‍यादा हुई है। जुलाई मध्‍य तक हरियाणा में धान की रोपाई रफ्तार नहीं पकड़ सकी थी, मगर महीना खत्‍म होते-होते राज्‍य ने गैप पूरा कर लिया। धान की रोपाई में जो 36 लाख हेक्‍टेयर की कमी है, वह मुख्‍यत रूप से पश्चिम बंगाल, उत्‍तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में कम रोपाई का नतीजा है।