UPI Payment Charges: वित्त मंत्रालय ने एक ट्विट के जरिए कहा है, “UPI एक डिजिटल पब्लिक गुड है जिसमें जनता के लिए बढ़िया सुविधा और अर्थव्यवस्था के लिए लाभ मिलता है। UPI सर्विसेज के लिए कोई भी अतिरिक्त शुल्क लगाने पर सरकार विचार नहीं कर रही है।”
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नई दिल्ली। अगर आप UPI पेमेंट करते हैं तो यह खबर खास आपके लिए है। बता दें कि पिछले हफ्ते कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत सरकार UPI पेमेंट्स पर अतिरिक्त शुल्क लगाना शुरू कर देगी। UPI पेमेंट्स पर लगने वाली फीस से यूजर्स बिल्कुल भी खुश नहीं हैं। लेकिन भारत सरकार ने इस पूरे मामले को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने एक ट्विट के जरिए कहा है, “UPI एक डिजिटल पब्लिक गुड है जिसमें जनता के लिए बढ़िया सुविधा और अर्थव्यवस्था के लिए लाभ मिलता है। UPI सर्विसेज के लिए कोई भी अतिरिक्त शुल्क लगाने पर सरकार विचार नहीं कर रही है।”
भारत में UPI लेनदेन में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, Q1 2022 में, 14.55 बिलियन से ज्यादा UPI लेनदेन थे। कीमत के हिसाब से देखा जाए तो UPI लेनदेन 26.19 ट्रिलियन रुपये का था। 2021 की तुलना में वॉल्यूम के मामले में 99% और कीमत में 90% की बढ़ोतरी हुई है।
UPI भुगतानों पर शुल्क लगाए जाने की खबर तब आई जब RBI ने एक पेपर जारी किया, जिसमें उसने विभिन्न डिजिटल भुगतानों के लिए फीस स्ट्रक्चर पर प्रतिक्रिया मांगी। इस प्रक्रिया में RBI भी शामिल था। RBI ने स्पष्ट रूप से कहा था, “RBI ने UPI लेनदेन के लेकर शुल्क लेने के निर्देश जारी नहीं किए हैं। सरकार ने 1 जनवरी, 2020 से UPI लेनदेन के लिए जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क अनिवार्य कर दिया है। इसका मतलब है कि UPI पेमेंट करने पर किसी को भी चार्ज नहीं देना होगा। जो पेपर जारी किया था उसमें केनल नॉर्मल रिएक्शन मांगे गए थे जिसमें कुछ सवाल थे और उस पर विचार मांगे गए थे।
वित्त मंत्रालय ने अपने ट्वीट में स्पष्ट किया कि वह डिजिटल भुगतान को अपनाने को प्रोत्साहित करना जारी रखेगा। “सरकार ने पिछले साल #DigitalPayment इकोसिस्टम के लिए फाइनेंशिलय सपोर्ट दिया था और इस वर्ष भी #DigitalPayments को अपनाने और किफायती और यूजर्स के अनुकूल बनाने को बढ़ावा देने की घोषणा की है।”