भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2017 के अवमानना के मामले में दोषी करार दिया गया है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को 4 महीने की सजा के साथ 2000 रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा विजय माल्या को चार सप्ताह के भीतर ब्याज के साथ चार करोड़ डॉलर जमा करने का आदेश भी दिया गया है. अगर वह ऐसा नहीं करते तो उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी.
विजय माल्या हुए दोषी करार
Supreme Court awards 4-month jail sentence and imposes Rs 2000 fine on fugitive businessman Vijay Mallya who was found guilty of contempt of court in 2017 for withholding information from the court pic.twitter.com/Z8zP5P8qdf
— ANI (@ANI) July 11, 2022
विजय माल्या पर उनके किंगफिशर एयरलाइन से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण घोटाले में शामिल होने का आरोप है. अब न्यायमूर्ति यू यू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने माल्या की सजा पर फैसला सुनाते हुए उन्हें अवमानना के मामले में उन्हें दोषी करार दिया है.
सुरक्षित रखा गया था फैसला
न्यायमूर्ति ललित, न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने 10 मार्च को इस मामले की सजा की अवधि तय करने संबंधी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. उन्होंने टिप्पणी की थी कि माल्या के खिलाफ सुनवाई में अब कोई प्रगति नहीं हो सकती.
माल्या के वकील ने 10 मार्च को मीडिया से कहा था कि उनके मुवक्किल विजय माल्या ब्रिटेन में रह रहे हैं तथा उनसे कोई निर्देश नहीं मिल सका है इसलिए वह अवमानना के मामले में दी जाने वाली सजा की अवधि को लेकर माल्या का पक्ष रख नहीं रख सकते.
याचिका हुई थी खारिज
इससे पहले 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या द्वारा संपत्ति का पूरा ब्योरा न दिए जाने के कारण अवमानना का दोषी माना था. कोर्ट ने 10 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. दरअसल 9 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ अदालत की अवमानना और डिएगो डील से माल्या को मिले 40 मिलियन यूएस डॉलर पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था. इससे पहले 2020 में माल्या की ओर से 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर पुनरीक्षण याचिका को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था.