इमरान ने नहीं उठाया था फोन, अब शहबाज ने पीएम मोदी के दोस्‍त से की मुलाकात, जानें पाकिस्‍तानी रणनीति

Shehbaz Sharif Meets France President Macron: पाकिस्‍तान ने भारत के दोस्‍त फ्रांस के साथ अपनी दोस्‍ती को एक बार फिर से मजबूत करना शुरू कर दिया है। करीब 7 साल के बाद पाकिस्‍तान के किसी प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्‍ट्रपति से मुलाकात की है। शहबाज शरीफ और फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रां के बीच यह मुलाकात न्‍यूयॉर्क में हुई।

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शहबाज शरीफ ने फ्रांस के राष्‍ट्रपति मैक्रां से मुलाकात की

संयुक्‍त राष्‍ट्र: पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक-एक करके इमरान खान के व‍िरोधियों को अपने पाले में लाने में जुट गए हैं। इमरान ने प्रधानमंत्री रहने के दौरान फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रां का फोन तक नहीं उठाया था लेकिन अब शहबाज ने फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति से मुलाकात की है। शहबाज शरीफ ने इसके जरिए न केवल भारत के दोस्‍त फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति को साधने की कोशिश की है बल्कि पाकिस्‍तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट से निकालने के लिए जुगत में जुट गए हैं।

पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति के साथ मुलाकात के दौरान बाढ़ के कहर से जूझ रहे देश की अर्थव्‍यवस्‍था को फिर से मजबूत करने को लेकर सहमति बनी है। शहबाज शरीफ और मैक्रां के बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की न्‍यूयॉर्क में हो रही बैठक के दौरान यह द्विपक्षीय मुलाकात हुई है। यूरोपीय संघ के प्रमुख सदस्‍य फ्रांस और पाकिस्‍तान के शीर्ष नेताओं के बीच 7 साल के बाद पहली बार यह बैठक हुई है। शहबाज के साथ व‍िदेश मंत्री बिलावल भु्ट्टो और वित्‍त मंत्री मिफ्ताह इस्‍माइल भी मौजूद थे।

पाकिस्‍तान के मुस्लिम कट्टरपंथी गुटों ने फ्रांस के खिलाफ अभियान छेड़ा
इस बैठक में फैसला किया गया है कि फ्रांस इस साल के आखिर तक एक अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का आयोजन करेगा ताकि बाढ़ प्रभावित पाक‍िस्‍तान में पुर्नवास के काम में मदद दी जा सके। शहबाज शरीफ ने कहा कि फ्रांस पाकिस्‍तान के लिए बेहद अहम है और हम व्‍यापार-निवेश, ऊर्जा, कृषि, आईटी, रक्षा और सुरक्षा समेत द्विपक्षीय रिश्‍तों को मजबूत करेगा। पाकिस्‍तान और फ्रांस के बीच रिश्‍ते पिछले कुछ वर्षों में रसातल में चले गए हैं। इसकी वजह पैगंबर कार्टून विवाद में ईशनिंदा को लेकर पाकिस्‍तान के मुस्लिम कट्टरपंथी गुटों ने फ्रांस के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है।

मुस्लिम कट्टरपंथी गुटों के बल पर सत्‍ता में आने वाले इमरान खान ने फ्रांस के साथ रिश्‍तों को सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। हालत यह हो गई थी कि तालिबान के अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा करने के बाद फ्रांसीसी नागरिकों को निकालने में मदद करने पर पाकिस्‍तान को धन्‍यवाद देने के लिए राष्‍ट्रपति मैक्रां इमरान खान को फोन पर धन्‍यवाद कहना चाहते थे लेकिन पीटीआई नेता ने समय ही नहीं दिया था। इसके बाद फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति ने कभी भी पाकिस्‍तान से बातचीत नहीं की।

एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट से निकलने में पाकिस्‍तान को फ्रांस से उम्‍मीद
फ्रांस यूरोपीय यूनियन का प्रमुख सदस्‍य देश है और संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का एक स्‍थायी देश है। पाकिस्‍तानी पीएम शहबाज ने फ्रांस के साथ रिश्‍तों में आई इसी तल्‍खी को कम करने की कोशिश की है। वह भी तब जब फ्रांस और भारत के बीच संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं। शहबाज को यह भी उम्‍मीद है कि एफएटीएफ का प्रमुख सदस्‍य देश फ्रांस उसे ग्रे लिस्‍ट से निकालने में मदद कर सकता है। एफएटीएफ की इस साल अक्‍टूबर में बैठक होने जा रही है जिसमें पाकिस्‍तान के भविष्‍य पर फैसला होगा।