Imran Khan: इमरान खान ने इस्लामाबाद की एक रैली में महिला जज को धमकी दी है, जिसके बाद वह घिरते जा रहे हैं। उन्होंने महिला जज जेबा चौधरी को सीधे तौर पर देख लेने की धमकी दी है, जिसके बाद अब उन्हें हाई कोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अपने बड़बोलेपन और अपने गैर जिम्मेदाराना रवैए के लिए जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री रहने के दौरान भी वह ऐसे लहजे में बातचीत करते थे जैसे वह 20 करोड़ लोगों के प्रतिनिधि नहीं, बल्कि एक पार्टी के छोटे नेता हैं। धमकाने वाले लहजे में बात करना इमरान की पुरानी आदत है। बोलते-बोलते वह कई बार महिलाओं को लेकर अपनी मर्यादा भूल जाते हैं। अब उनकी ये आदत भारी पड़ती दिख रही है। एक महिला मजिस्ट्रेट को लेकर उनके बयान पर PTI के समर्थक भी खुल कर समर्थन नहीं कर पा रहे हैं।
ये महिला जज जेबा चौधरी हैं। ये इस्लामाबाद में जिला न्यायालय की सेशन जज हैं। इमरान ने एक रैली में इन्हें देख लेने की धमकी दी है। दरअसल इमरान खान की पार्टी PTI के नेता शाहबाज गिल को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 17 अगस्त को पुलिस ने इनकी रिमांड बढ़ाने की मांग की, जिसे अदालत ने मान लिया। शाहबाज गिल की रिमांड को बढ़ाने का फैसला जिला न्यायालय की ओर से जेबा चौधरी ने ही सुनाया था, जिसके बाद इमरान खान उन पर भड़क गए।
क्या बोले थे इमरान खान
इमरान खान ने शनिवार को इस्लामाबाद में F-9 पार्क में एक रैली को संबोध करते हुए आरोप लगाया कि जज जेबा चौधरी जानती थीं कि जेल में बंद पार्टी नेता शाहबाज गिल को प्रताड़ित किया गया था, लेकिन उन्होंने जमानत नहीं दी। इमरान ने कहा, ‘इस्लामाबाद IG, तुम्हें तो नहीं छोड़ना हमने, तुम्हारे ऊपर हम केस करेंगे। मजिस्ट्रेट साहिबा ज़ेबा आप भी तैयार हो जाएं, आपके ऊपर भी हम एक्शन लेंगे।’ इमरान के इस बयान को धमकी भरा मानते हुए उनके ऊपर आतंकवाद की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
‘इमरान खान को हो सकती है छह महीने की जेल’
जज जेबा चौधरी को दिए गए धमकी भरे बयान के बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान को अवमानना मामले में नोटिस जारी किया है। वहीं, पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज के मुताबिक सिंध हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस शैक उस्मानी ने कहा है कि इमरान अगर अवमानना मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें छह महीने की जेल हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने अयोग्य ठहराया जा सकता है और वह पांच साल कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इमरान का केस बाकी अवमानना के मामलों से अलग है, क्योंकि उन्होंने एक जज का नाम लिया है और उनके खिलाफ एक्शन की बात कही है।