Imran Khan General Bajwa Fight Pakistan: इमरान खान और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच रिश्तों में दरार की असली वजह अब सामने आ गई है। इमरान खान ने खाड़ी के कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। इमरान खान खाड़ी के एक मुस्लिम राष्ट्राध्यक्ष को थप्पड़ तक मारना चाहते थे।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अब सत्ता से बेदखल हो चुके हैं और लगातार देश में जलसे करके अपनी सरकार को गिराने के लिए अमेरिका और सेना प्रमुख जनरल बाजवा को दोषी ठहरा रहे हैं। यह वही जनरल बाजवा हैं जिनके साथ अपने रिश्ते की इमरान खान शेखी बघारते थे। इस बीच अब बड़ा खुलासा हुआ है कि इमरान खान और बाजवा के बीच रिश्ते बिगड़ने की सबसे बड़ी वजह आईएसआई के तत्कालीन चीफ जनरल फैज नहीं बल्कि पीटीआई नेता का कई विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ अपमानजनक व्यवहार जिम्मेदार था।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इमरान खान ने बड़बोलापन दिखाते हुए एक मुस्लिम देश के नेता को थप्पड़ मारने इरादा जताया था और उनके तख्तापलट की मंशा व्यक्त की थी। पाकिस्तान के चर्चित पत्रकार कामरान यूसुफ के मुताबिक, ‘इमरान खान खाड़ी के एक मुस्लिम देश में यात्रा पर गए थे जहां उस देश के नेता से उन्होंने मुलाकात की। इस यात्रा के बाद इमरान खान जब पाकिस्तान लौटे तो उन्होंने अपनी पार्टी पीटीआई के नेताओं से कहा कि जब मैं ‘मुस्लिम देश’ के नेता से मिला तो मुझे लगा कि वह शख्स पागल है। मुझे यह तक अहसास हुआ कि मैं इस शख्स को थप्पड़ मार दूं। क्या यह संभव नहीं है कि हम इनके खिलाफ तख्तापलट करवा दें।’
मुस्लिम देश के नेता ने इमरान खान को फंसाया
कामरान ने बताया कि इमरान खान की यह बातचीत उनके करीबी नेताओं ने ही उस मुस्लिम देश के नेता तक किसी तरह से पहुंचा दी। इससे पाकिस्तान और उस खाड़ी देश के बीच संबंध बहुत खराब हो गए। कामरान ने इस देश का नाम नहीं बताया लेकिन माना जा रहा है कि यह सऊदी अरब या यूएई हो सकता है। इमरान के सलाहकार रहे मौलाना ताहिर अशरीफी ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने हस्तक्षेप करके किसी तरह से इस पूरे मामले को संभाला।
पाकिस्तानी पत्रकार ने बताया कि एक और मुस्लिम देश के साथ पाकिस्तान के रिश्ते में कुछ सख्त बातें हुईं। इमरान खान ने इस पूरी बातचीत को एक दूसरे मुस्लिम देश के नेता को बता दिया। इन दोनों ही मुस्लिम देशों के बीच संबंध पहले से खराब चल रहे थे। इमरान ने जिस देश के नेता से यह बातचीत बताई, उसने उसे सार्वजनिक कर दिया। इससे इमरान खान निशाने पर आ गए। माना जाता है कि यह दोनों ही देश सऊदी अरब और तुर्की थे। सऊदी और तुर्की दोनों के बीच बहुत तनावपूर्ण रिश्ते रहे हैं। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को इमरान खान अपना दोस्त बताते थे।
फ्रांस के राष्ट्रपति से फोन पर बात करने से किया इंकार
इसके अलावा इमरान खान ने एक और बचकानी हरकत की और फ्रांस के राष्ट्रपति से फोन पर बात करने से मना कर दिया। दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति पाकिस्तान को धन्यवाद देना चाहते थे जिसकी मदद से फ्रांसीसी नागरिक अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद निकल पाए। इमरान खान ने उनसे बातचीत नहीं की। इससे पाकिस्तान की बहुत किरकिरी हुई और नुकसान भी उठाना पड़ा। फ्रांस अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य है। पाकिस्तान को सबसे ज्यादा कर्ज देने वाले 5 देशों में फ्रांस शामिल है।
फ्रांस एफएटीएफ का भी अहम सदस्य है जिसकी ग्रे लिस्ट में अभी पाकिस्तान है। इमरान खान ने अमेरिका से भी पंगा लिया और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की ‘हार’ पर विवादित बयान दिया। इमरान खान ने कहा कि तालिबान ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया है। उनका इशारा अमेरिका की ओर था। कामरान ने बताया कि इन्हीं शर्मनाक घटनाओं की वजह से बाजवा और इमरान के बीच रिश्ते खराब हुए और बाद में पीटीआई नेता की कुर्सी चली गई।