सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार चेन्नई के तकनीकी विशेषज्ञ थिरुमलाई सेल्वन को न्याय मिल ही गया. सेल्वन 2015 में अपनी आठ साल की सेवा के बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) द्वारा बर्खास्त कर दिए गए थे. इस दौरान कंपनी में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी हुई थी.
7 साल की लंबी लड़ाई, अब मिला न्याय
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद आईटी पेशेवर थिरुमलाई सेल्वन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आखिरकार चेन्नई की एक श्रम अदालत द्वारा उनके पक्ष में फैसला सुना दिया गया. अदालत ने टीसीएस को निर्देश दिया है कि वह सेल्वन को बहाल करें और उसके वेतन और सात साल के लाभों का पूरा भुगतान करे.
TCS ने दिए थे ये तर्क
एक असिस्टेंट इंजीनियर के रूप में टीसीएस का हिस्सा बनने के बाद थिरुमलाई सेल्वन को 2015 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. सेल्वन ने सेवा की निरंतरता के लिए कानून का सहारा लिया. दरअसल, टीसीएस ने अपने तर्क में कहा कि सेलवन एक प्रबंधकीय कैडर में काम कर रहे थे और ‘कार्यकर्ता’ की श्रेणी में नहीं आते थे. अदालत को ये बताया गया कि वह प्रबंधकीय क्षमता में आईटी प्रमुख के साथ काम कर रहे थे और उनके खराब प्रदर्शन को देखते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी.
कर्मचारी को करना पड़ा संघर्ष
2015 में अपनी नौकरी खोने के बाद पूर्व टीसीएस कर्मचारी सेल्वन सॉफ्टवेयर परियोजनाओं पर फ्रीलांस सलाहकार के रूप में काम करने के लिए मजबूर हो गए. इसके साथ ही वह रियल एस्टेट ब्रोकरेज जैसी अन्य विषम नौकरियां करने पर भी मजबूर हुए. टीसीएस में अपनी नौकरी गंवाने के बाद, सेलवन का मासिक वेतन घटकर 10,000 रुपये रह गया था.
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट रहे सेलवन ने चार साल तक अपने कोर सेक्टर में काम किया. इसके बाद 2001 में उन्होंने सॉफ्टवेयर लेन को चुना. 1 लाख रुपये की में उन्होंने अपना कोर्स पूरा किया, जिसके बाद 2006 में वह एक सहायक सिस्टम इंजीनियर के रूप में टीसीएस का हिस्सा बने.
अपने संघर्षों को याद करते हुए, सेलवन ने कहा, “मैं पिछले सात वर्षों में 150 से अधिक बार अदालत का दरवाजा खटखटा चुका हूं.” हालांकि, उन्हें थका देने वाली इस कानूनी लड़ाई में फोरम फॉर आईटी एम्प्लॉइज (FITE) द्वारा समर्थन मिला था.
टेक्निकल लोगों के लिए एक श्रमिक संघ FITE ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि, “न्याय एक आशा है और उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर रहे हैं. टीम FITE चेन्नई द्वारा किया गया शानदार काम और न्याय के लिए लड़ने वाले टीसीएस कर्मचारी को सलाम.”