वर्ष 2021 के दौरान देश में सड़क हादसों में दोपहिया वाहनों ने सबसे ज्यादा 70,000 लोगों की जान ली है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में सड़क हादसों में 1,55,622 लोगों की जान चली गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2021 के दौरान, दोपहिया वाहन सबसे ज्यादा जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं (69,240 मौतों) के लिए जिम्मेदार है, और कुल सड़क दुर्घटनाओं में 44.5 प्रतिशत का योगदान दिया है। इसके बाद कारों (23,531 मौतें) (15.1 प्रतिशत) और ट्रक या लॉरी (14,622 मौतें) (9.4 प्रतिशत) का योगदान है।
तमिलनाडु (8,259 मौतें) और उत्तर प्रदेश (7,429 मौतें) में दोपहिया वाहनों की दुर्घटनाओं के कारण अधिकांश मौतें हुईं, जो दोपहिया वाहनों के कारण हुई कुल मौतों का क्रमश: 11.9 प्रतिशत और 10.3 प्रतिशत है।
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वाहन के आधार पर दुर्घटनाओं के आंकड़े
एसयूवी, कार, जीप दुर्घटनाओं के कारण बड़ी संख्या में मौतें (23,531 में से 4,039) उत्तर प्रदेश में हुई हैं (17.2 प्रतिशत)। कुल ऐसी दुर्घटनाओं और ट्रकों, लॉरी, मिनी ट्रक दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में मौतें (14,622 में से 3,423) मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए, जो कि 23.4 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में बसों के कारण होने वाली कुल घातक सड़क दुर्घटनाओं में से क्रमश: 28.9 प्रतिशत (4,622 में से 1,337) और 11.9 प्रतिशत (4,622 में से 551) दर्ज की गईं। बिहार में वर्ष 2021 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 14.8 प्रतिशत (18,936 में से 2,796) पैदल चलने वालों की मौत हुई।
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किस महीने सबसे ज्यादा हादसे
‘सड़क दुर्घटनाओं’ के महीने-वार आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी के महीने में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जो कि कुल सड़क दुर्घटनाओं में 10 प्रतिशत के योगदान के साथ 40,235 मामले थे।
दिन के किस समय हुई सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं
अधिकांश सड़क दुर्घटनाएँ (4,03,116 मामलों में से 81,410) शाम 6 बजे से रात 9 के दौरान दर्ज की गईं, जो कुल सड़क दुर्घटनाओं का 20.2 प्रतिशत है।
शाम 6 बजे से रात 9 बजे के दौरान, अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं तमिलनाडु (14,415 मामले), मध्य प्रदेश (9,798 मामले) और केरल (6,765 मामले) में दर्ज की गईं।
2021 के दौरान कुल सड़क दुर्घटनाएं, दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे की अवधि और दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक क्रमश: 17.8 प्रतिशत (71,711 मामले) और 15.5 प्रतिशत (62,587 मामले) दर्ज किए गए।
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किस सड़क पर कितने हादसे
सड़क वर्गीकरण के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग जिनकी कुल सड़क लंबाई में सिर्फ 2.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी है (63.9 लाख किमी में से 1.33 लाख किमी) सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं, जो कुल सड़क दुर्घटनाओं में 30.3 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
कुल सड़क लंबाई में 2.9 प्रतिशत (1.87 लाख किमी) की हिस्सेदारी वाले राज्य राजमार्गों ने देश में 23.9 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं की सूचना दी है।
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अन्य सड़कों भी हुए हादसे
हालांकि, अन्य सड़कों पर भी काफी संख्या में सड़क हादसे हुए। ये 2021 के दौरान कुल ऐसी दुर्घटनाओं का 45.8 प्रतिशत हिस्सा थे। एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटनाओं के कुल 1,899 मामले भी सामने आए, जिसमें 1,214 लोग घायल हुए और 1,356 लोगों की मौत हुई।
सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें नेशनल हाईवे पर 34.5 फीसदी (1,55,622 में से 53,615) और उसके बाद स्टेट हाईवे (25.1 फीसदी) (39,040 मौतें) हुईं। 2021 के दौरान अन्य सड़कों पर सड़क दुर्घटनाओं के कारण कुल 62,967 (40.5 प्रतिशत) लोगों की मृत्यु हुई।
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राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पैटर्न से पता चला है कि 2021 के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश (13.5 फीसदी) में हुई हैं, जहां 53,615 मौतों में से 7,212 मौतें हुई हैं। इसके बाद तमिलनाडु (10 फीसदी) 5,360 मौतें, महाराष्ट्र (7.5 फीसदी) 3,996 मौतें, राजस्थान (6.8 फीसदी) 3,653 मौतें और आंध्र प्रदेश (6.7 फीसदी) 3,602 मौतें हुई हैं।
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2021 के दौरान देश में राज्य राजमार्गों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं तमिलनाडु (18,560 मामले) में हुईं। राज्य राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश (39,040 मौतों में से 5,891) में हुईं, जो राज्य राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई कुल मौतों का 15.1 प्रतिशत थी, इसके बाद तमिलनाडु (5,067) 13.0 प्रतिशत था।
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