डेविड मिलर और हार्दिक पांड्या की जोड़ी ने मंगलवार को कोलकाता के ईडेन गार्डेन में दिखाया कि गुजरात टाइटंस की मौजूदा सीज़न की सबसे कामयाब टीम क्यों बनी हुई है.
इन दोनों ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए दस ओवरों में नाबाद 106 रन जोड़कर अपनी टीम को फ़ाइनल में पहुंचा दिया है. आईपीएल में डेब्यू कर रही गुजरात की टीम अब ख़िताब से महज एक जीत दूर है.
लेकिन सबसे पहले बात गुजरात टाइटंस के फ़ाइनल में पहुंचने के अंदाज़ की. गुजरात टाइटंस को राजस्थान रॉयल्स के सामने जीत हासिल करने के लिए आख़िरी ओवर में 16 रन बनाने थे. यह चुनौती मुश्किल तो एकदम नहीं थी लेकिन आईपीएल के 14 सीज़न में किसी प्ले ऑफ़ मुक़ाबले में अंतिम ओवरों में इतने रन बनाकर कोई टीम नहीं जीती थी.
इससे अंदाज़ा तो होता है कि मुक़ाबला बराबरी का था. संजू सैमसन ने गेंद तेज़ गेंदबाज़ प्रसिद्ध कृष्णा को थमाई और उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था.
पहली ही गेंद को डेविड मिलर ने लॉन्ग ऑन पर छक्का जड़ दिया. प्रसिद्ध कृष्णा ने दबाव के पलों में दूसरी गेंद थोड़ी बेहतर ज़रूर डाली लेकिन मिलर ने उसे भी लपेट दिया तो गेंद स्कॉवयर लेग बाउंड्री के पार चली गई.
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चार गेंद पर चार रन की चुनौती के सामने मिलर ने लगातार तीसरा छक्का डीप मिडविकेट पर जड़ा.
इस सीज़न में छक्के लगाने के मामले में शीर्ष पर चल रही राजस्थान रॉयल्स से बहुत पीछे और इस मुक़ाबले से पहले अंतिम पायदान पर चल रही गुजरात टाइटंस ने मिलर के लगातार तीन छक्कों के साथ फ़ाइनल में प्रवेश किया. मिलर एक लंबे समय या कहें 2013 के बाद इस आईपीएल सीज़न में पूरे रंग में नज़र आए और टीम को फ़ाइनल तक पहुंचा दिया है.
मिलर का किलर अंदाज़
डेविड मिलर महज 38 गेंदों पर नाबाद 68 रनों की पारी खेल कर टीम को फ़ाइलन में पहुंचा दिया, दूसरे छोर पर टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या ने 27 गेंदों पर नाबाद 40 रन बनाए. लेकिन मैच फिनिशर की भूमिका डेविड मिलर ने ही निभाई.
बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी गुजरात की शुरुआत बेहद ख़राब रही. ऋद्धिमान साहा पहले ही ओवर में खाता खोले बिना पवेलियन लौट गए. लेकिन शुभमन गिल और मैथ्यू वेड ने तेज़ी से रन बटोरना जारी रखा.
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शुभमन गिल ने आर. अश्विन के एक ओवर में एक छक्का और दो चौके जमाए और छह ओवरों में टीम का स्कोर एक विकेट पर 64 रन तक पहुंचा दिया. लेकिन मैथ्यू वेड के साथ गफ़लत के चलते पहले शुभमन गिल रन आउट हुए और उसके बाद मैथ्यू वेड का विकेट भी गिरा. 10 ओवरों में गुजरात का स्कोर 85 रन था.
लेकिन यहां से डेविड मिलर और हार्दिक पांड्या ने पारी को संभाल लिया. दोनों ने पहले तो संभल कर बल्लेबाज़ी की लेकिन ख़राब गेंदों पर तेज़ आउटफ़ील्ड की मदद से चौके भी लगाते रहे. आख़िरी दो ओवर में दोनों के सामने 23 रन बनाने की चुनौती थी. मैकॉय के ओवर में सात रन आए.
और इसके बाद गेंद प्रसिद्ध कृष्णा के हाथों में आयी. कप्तान संजू सैमसन को शायद ही प्रसिद्ध कृष्णा के आंकड़ों का ध्यान रहा होगा. आईपीएल में कम से कम दस बार पारी के अंतिम ओवर यानी 20वां ओवर फेंकने वाले गेंदबाज़ों में सबसे ख़राब औसत प्रसिद्ध कृष्णा की है, उनका 13 रन प्रति ओवर से ज़्यादा का है.
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इस मुक़ाबले को जीतने के बाद गुजरात टाइटंस की टीम को अहमदाबाद में अपने घरेलू मैदान में आईपीएल का फ़ाइनल खेलने को मौका मिलेगा और इस बीच खिलाड़ियों को लंबा आराम भी मिल गया है.
राशिद ख़ान की क़िफायती गेंदबाज़ी
मिलर और पांड्य की बल्लेबाज़ी से ज़रूर गुजरात जीती लेकिन इस जीत में एक गेंदबाज़ का भी अहम योगदान रहा. राजस्थान रॉयल्स की पारी में गुजरात के गेंदबाज़ राशिद ख़ान ने चार ओवरों में महज 15 रन ख़र्च किए. उन्हें विकेट भले नहीं मिला हो लेकिन उन्होंने राजस्थान के बल्लेबाज़ों पर अंकुश लगाने में कामयाब रहे.
राजस्थान के युवा बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवालअंपायर के आउट देने से पहले खुद ही पवेलियन की तरफ़ चल गए, लेकिन इसके बाद संजू सैमसन ने पारी को तूफ़ान के अंदाज़ में बढ़ाया. संजू सैमसन ने जो पहली 11 गेंद खेलीं उसमें तीन छक्के और तीन चौके की मदद से उन्होंने 30 रन जोड़ लिए थे. हालांकि कुल 26 गेंदों पर पांच चौके और तीन छक्के की मदद से उन्होंने 47 रन बनाए.
गुजरात के स्पिनर साई किशोर ने हवा में गेंद डाल उन्हें ललचाया और सैमसन पवेलियन लौट गए. देवदत्त पडिक्कल ने आते ही साई की लगातार तीन गेंदों को बाउंड्री के पार भेजा.
बटलर ने शुरुआत धीमी की और दो अहम मौकों पर उनका कैच भी छूटा. इस सीजन में सबसे ज़्यादा रन बटोरने वाले बटलर ने 42 गेंदों पर अपने 50 रन पूरे किए और आख़िरी में 56 गेंदों पर उन्होंने 89 रनों की पारी खेली. उन्होंने इस पारी में 12 चौके और दो छक्के जमाए.
बटलर की पारी पर सवाल
बटलर ने शानदार पारी ज़रूर खेली लेकिन बैटिंग विकेट पर वे इससे बेहतर कर सकते थे. क्योंकि तीसरे ओवर के बाद से 15वें ओवर की शुरुआत तक उनके बल्ले से कोई बाउंड्री शाट्स नहीं निकला. उनका पहला छक्का 19वें ओवर में आया. हालांकि इन सबके बाद भी अंतिम पांच ओवरों में राजस्थान ने जो 64 रन बनाए, उनमें 52 रन बटलर के बल्ले से ही निकले.
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लेकिन क्या ही दिलचस्प संयोग है कि इस आईपीएल में उन्होंने जिन तीन मुक़ाबलों में 50 रन पूरे करने के लिए 40 प्लस गेंदों का सामना किया और उन तीनों मुक़ाबले में उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा.
लखनऊ बनाम बैंगलोर का मुक़ाबला
हालांकि राजस्थान रॉयल्स के लिए राहत की बात यह है कि अभी उनके पास एक मौका ज़रूर है. बुधवार को लखनऊ सुपर जाएंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर के बीच खेले जाने वाले इलिमिनेटर मुक़ाबले के विजेता टीम से दूसरे क्वालिफ़ायर में राजस्थान रॉयल्स की टक्कर होगी.
इस आईपीएल में गुजरात टाइटंस की तरह ही लखनऊ सुपर जाएंट्स की टीम डेब्यू करते हुए कमाल का खेल दिखाया है. लोकेश राहुल की कप्तानी में 18 अंकों के साथ टीम अंक तालिका में तीसरे पायदान पर रही. हार्दिक पांड्या के बड़े भाई क्रुणाल पांड्या लखनऊ की टीम के साथ हैं.
वहीं दूसरी ओर विराट कोहली- फ़ैफ़ डूप्लेसि जैसे खिलाड़ियों और इस सीज़न में ज़ोरदार फॉर्म में चल रहे दिनेश कार्तिक की टीम बैंगलोर भी क्वालिफ़ायर का टिकट हासिल करना चाहेगी.