जयपुर. राजस्थान के अलवर के बाद अब राजधानी जयपुर में भी धर्म परिवर्तन (Religion conversion) कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जयपुर के वाटिका में करीब 250 लोगों को जबरन हिंदू धर्म से ईसाई धर्म (Hinduism to Christianity) अपनाने के लिए मजबूर करने का मामले सामने आया है. हिंदू जागरण मंच का आरोप है कि 28 अक्टूबर को वाटिका में करीब 2000 लोगों के सामूहिक धर्मांतरण का कार्यक्रम था लेकिन विरोध के बाद रद्द कर दिया. पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. पुलिस ने भी फिलहाल इस मामले में चुप्पी साध रखी है.
आरोप है कि धर्मांतरण का यह खेल बीमारी ठीक होने, शराब छूटने और आर्थिक स्थिति सुधारने के नाम पर खेला जा रहा था. इसके लिए हिन्दुओं से हिन्दू देवताओं की पूजा बंद करवाकर मूर्तियों का विसर्जन करवा दिया गया. धर्मांतरण के शिकार लोगों ने बताया कि उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन देकर बहकाया गया और डराया गया. इस मामले को लेकर हिंदू जागरण मंच आक्रोशित है.
28 अक्टूबर को होने वाला कार्यक्रम विरोध के कारण रद्द हुआ
हिन्दू जागरण मंच का आरोप है कि बीते 28 अक्टूबर को राजधानी जयपुर के वाटिका में करीब 2000 लोगों के सामूहिक धर्मांतरण का कार्यक्रम आयोजित होना था. लेकिन बाद में विरोध के चलते इसे रद्द करना पड़ा. धर्म परिवर्तन का यह मामला सामने आने के बाद भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की. इस पूरे मामले में किसी बड़े षड़यंत्र की बू आ रही है. उन्होंने पुलिस को चेताया कि वह आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करे.अलवर में दंपति ने परिजनों पर लगाया था आरोप
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों अलवर में भी धर्म परिवर्तन का एक मामला सामने आया था. वहां एक दपंति ने अपने परिजनों पर ही धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने का गंभीर आरोप लगाया था. दंपति ने अपने परिजनों पर हिंदू देवी-देवताओं के मूर्तियों के साथ बेअदबी और उनके पोस्टरों को फाड़कर फेंकने का आरोप लगाया था. पीड़ित दंपति ने इस मामले को लेकर अलवर के एईबी थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी. इस मामले में विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष दिलीप मोदी ने आरोप लगाया था कि अलवर शहर में कुछ लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव का प्रयास किया जा रहा है. यह प्रयास शहर की 60 फीट हरिजन बस्ती किया जा रहा है