झारखंड में दबंग मुस्लिमों ने 50 मुसहरों को किया बेघर, मदरसे की जमीन बताकर जबरदस्ती उखाड़ फेंकी झोपड़ियां

Palamu news: झारखंड के पलामू जिले में दलित समुदाय के घर उखाड़े जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के दबंगों ने मदरसा की जमीन बताकर 50 दलितों के घर उखाड़ फेंके। जबरदस्ती उनके सामान को एक टैंपो में लाद दिया है।

 
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झारखंड में दबंग मुस्लिमों ने 50 मुसहरों को किया बेघर, मदरसे की जमीन बताकर जबरदस्ती उखाड़ फेंकी झोपड़ियां
रांची/पलामू: झारखंड में पलामू जिले के पांडू प्रखंड के कुजरुकला पंचायत के अल्पसंख्यक बहुल मुरूममातू गांव में लगभग 4 दशक से मिट्टी और खपरैल के घर में रह रहे करीब 50 लोगों को दबंगों ने बेघर कर दिया है। लगभग चार दशक से गांव में रह रहे 50 मुसहर सदस्यों के घर को तोड़ डाला गया। आरोप है कि दबंगों ने मदरसे की जमीन बता कर इन परिवारों को हटा दिया और उन्हें गांव से जबरन निकाल दिया है। इस घटना पर बीजेपी नेताओं ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि हिम्मतवाली हेमंत सरकार में जिहादियों की हिम्मत बढ़ गयी है।

दलित बेघर हो रहे हैं और गूंगी-बहरी सरकार मौज मस्ती में लगी है: रघुवर दास

पूर्व सीएम ने कहा कि महादलित परिवारों के घरों को मदरसे की जमीन बताकर तोड़ कर बेघर कर दिया गया और यह गूंगी-बहरी सरकार मौज मस्ती में लगी है। यह साबित करता है कि सरकार के संरक्षण में राज्य की डेमोग्राफी बदलने के लिए सुनियोजित तरीके से षड़यंत्र चल रहा है। बीजेपी विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि यह अस्वीकार्य है, महादलितों को बेघर करने की खबर पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश की नहीं, बल्कि पलामू झारखंड की है। बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही ने कहा कि महादलित पर अत्याचार हो रहा और मुंह से बकार तक नहीं निकल रहा, यह तुष्टिकरण नहीं हो क्या हैं? क्योंकि उनपर अत्याचार करने वाले सरकार के खानदानी वोटर है?

50 लोग पांडू थाने में पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई

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बताया गया है कि दबंगों ने सोमवार को अचानक समूह बनाकर टोंगरी पहाड़ी के निकट रह रहे मुसहरों के कच्चे घर और झोपड़ियों पर हमला बोल दिया। इस दौरान कई घर तोड़ दिये गये। बाद में डरे-सहमे लोग स्थानीय 50 लोग पांडू थाना पहुंचे और पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई। गांव और जमीन से बेदखल किये जाने के बाद महादलित समुदाय के ये लोग अब अपने आशियाने के लिए भटक रहे हैं। घर तोड़े जाने के बाद इन परिवारों ने ट्रक और अन्य वाहनों पर अपने सामानों को रखकर आसपास के रिश्तेदारों और अन्य ठिकानों की तलाश में जुटे हैं। वहीं बारिश के मौसम में इन्हें बेखर किये जाने से उनकी मुश्किलें काफी बढ़ गयी है।घर से बेघर किये गये लोगों का दावा है कि 40 साल पहले सर्वे में भी यह गैर मजरूआ भूखंड उनके नाम पर्चा में दर्ज है।

बरसात में बेघर हुए दलित

पीड़ित पक्ष का कहना है कि सोमवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने नाजायज तरीके से उनके मिट्टी और फूस के घर को ध्वस्त कर दिया। आरोप है कि उनका सामान एक वाहन पर जबरदस्ती लादकर छतरपुर प्रखंड लोटो गांव के पास छोड़ दिया गया है। पीड़ित परिवारों में कुछ पांडू थाना पहुंचकर सोमवार की दोपहर बाद शिकायत की है। पांडू के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल पदाधिकारी राहुल कुमार ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है। वह मामले की जांच करा रहे हैं। बताया जा रहा है कि करीब 50 लोग बरसात के इस मौसम में बेघर हो गए हैं।

काफी दुखी है मुसहर समाज

पीड़ितों का कहना है कि सर्वे में भी उनका नाम बंडा पर्चा में दर्ज किया गया है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि संबंधित जमीन मदरसे की है। मुसहर परिवार के गिरजा मुसहर, संजय मुसहर, जितेंद्र मुसहर, नंदलाल मुसहर, संतोष मुसहर, लक्ष्मी देवी, रंजू देवी आदि ने मिलकर थाने में शिकायत दर्ज कराई।