कोरोना संकट के दौरान मार्च 2020 में लगे लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के विद्यार्थियों ने पेंटिंग और खाना पकाना सीखा। घर पर ही रहने से भी विद्यार्थी खुश थे। शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 में कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। कोरोना वायरस को लेकर आठवीं कक्षा के 98 फीसदी बच्चे चिंतित और भयभीत थे। तीसरी, पांचवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने सर्वे में इसको लेकर अपेक्षाकृत कम चिंता जताई।
स्कूल खुलने के आदेशों पर अधिकांश विद्यार्थियों ने लगातार नजर रखने की बात भी कही है। तीसरी कक्षा के 31 फीसदी विद्यार्थियों ने सर्वे के तहत बताया कि उनके घर में डिजिटल डिवाइस नहीं थे। बच्चों ने लॉकडाउन के दौरान परिजनों के साथ घरों में रहकर खूब मस्ती की। पांचवीं कक्षा के 68 फीसदी विद्यार्थियों ने इस दौरान पेंटिंग, खाना पकाने के साथ योगा करने की बात कही।
35 फीसदी विद्यार्थियों ने डिजिटल डिवाइस नहीं होने का खुलासा किया। आठवीं कक्षा के 32 फीसदी विद्यार्थियों ने बताया कि उन्होंने इंडोर खेलों को तवज्जो दी। 73 फीसदी विद्यार्थियों ने बताया कि उनके घरों में डिजिटल डिवाइस नहीं थे। दसवीं कक्षा के 24 फीसदी विद्यार्थियों ने घरों में डिजिटल डिवाइस नहीं होने की बात कही। 100 फीसदी विद्यार्थियों ने कहा कि उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए तय किए गए नियमों का पूरी तरह से पालन किया।