सोलन के परवाणु में तीन दिनों तक बूढ़ा पिता इस इंतज़ार में था कि एनडीआरएफ की टीम उसके इकलौते बेटे को मलवे में से ज़िंदा बाहर निकालेगी। लेकिन तीसरे दिन एनडीआरएफ की टीम ने ज़मींदोह हुए चार मंजिला भवन के मलवे से अभागे बेटे का शव निकाला। इकलौते बेटे का शव देख कर ,अब तो बूढ़े बाप के आँखों के आंसू भी सूख चुके है। जिसे देख कर किसी का भी दिल पसीज जाए। लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि जिम्मेवार प्रशासनिक अधिकारियों की तो मानों संवेदनाएं ही मर चुकि है। ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि कल रात को मलवे से निकाले शव का आज परवाणु में पोस्टमार्टम करवाया जाना था और शव को बूढ़े बाप को सपुर्द करना था। अभागा पिता अपने रिश्तेदारों के साथ आ कर , डेड हाउस के सामने सुबह से ही इंतज़ार करने लग गया था । उसे आस थी कि , डॉक्टर प्राथमिकता के तौर पर , जल्द आ कर पोस्टमार्टम कर शव उसे सौंप देंगे। लेकिन अफ़सोस , कि बात यह है कि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया करीबन 12 बजे आरम्भ हुई। कारण बताया गया कि सफाई कर्मी एक सप्ताह से बीमार पड़ा है। इस लिए दूसरा सफाई कर्मी कालका से बुलाया जाना था। जिस कारण पोस्टमार्टम समय पर नहीं हो पाया। वहीँ पिता और रिश्तेदारों को एक एक पल बिताना मुश्किल हो रहा था। जिसकी वजह से उनकी पीड़ा और बढ़ती गई। लेकिन पीड़ा को कम करने वाला प्रशासन मौके से नदारद रहा। शव को निकाल कर केवल अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली।
मौके पर अभागे पिता और उनके रिश्तेदारों ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि पिछले कल शव मिल चुका है। लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम कर शव उन्हें सौपा नहीं गया है। उन्होंने कहा कि वह हमीरपुर से आ दो दिनों से बेटे के लिए परेशान थे। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने ढांढ़स तो दूर उनकी कोई सुध तक नहीं ली। उन्होंने कहा कि अब सुबह से वह पोस्टमार्टम होने का इंतज़ार कर रहे है। लेकिन करीबन 12 बज रहे है यह प्रक्रियां आरम्भ नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि तीन दिनों से उनका पूरा गाँव परेशान है। शव को समय रहते गांव पहुंचा कर अंतिम संस्कार करना है। लेकिन यहाँ का प्रशासन बिलकुल भी संवेदनशील नहीं है। उन्होंने पोस्टमार्टम जल्दी हो इसके लिए कोई इंतज़ाम नहीं किए है।
2021-11-26