Bihar Politics: बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने शिवानंद तिवारी से तेजस्वी यादव की कुंडली देखने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ‘शिवानंद बाबा ने नीतीश कुमार के आश्रम का साल तो तय कर दिया है, अब कुंडली देखकर बताइये कि तेजस्वी यादव गौना तक इंतजार करेंगे कि पहले ही भाग जाएंगे।
पटना: आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ( Shivanand Tiwari ) ने नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) को आश्रम खोलने की सलाह दी थी। आरजेडी नेता के सलाह पर बिहार में सियासत चरम पर है। बीजेपी के नेता लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं। एक तरफ राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार अंतिम कस तक मजा लेने में विश्वास करते हैं, इसलिए वे मुख्यमंत्री पद छोड़ कर आश्रम जाने की शिवानंद तिवारी की सलाह नहीं मानेंगे। वहीं, बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने शिवानंद तिवारी से तेजस्वी की कुंडली देखने की मांग की है।
बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ट्वीट कर कहा कि जदयू के नेता अकारण ही शिवानंद तिवारी से नाराज हैं। एक दिन पहले ही माननीय मुख्यमंत्री ने स्वयं ही तेजस्वी जी को सत्ता देने की बात कही थी। आगे उन्होंने कहा कि जदयू कार्यकर्ताओं की हालत 18वीं शताब्दी की उस लड़की की तरह है, जिसकी शादी तो हो चुकी पर गौना होना बाकी है।
संजय जायसवाल आगे लिखते हैं ‘शिवानंद बाबा, नीतीश जी के आश्रम का साल तो आपने तय कर दिया, अब जरा तनिक कुंडली देखकर इहो बता दीं कि राउर तेजस्वी बउआ गौना तक इंतजार करीयन कि पहले ही लइकी (जदयू) लेकर भाग जइयन।आखिर ब्याह तो होइए गईल बा नु!
शिवानंद ने नीतीश को दिया था आश्रम खोलने की सलाह
बता दें कि मंगलवार को आरजेडी की राज्य परिषद की बैठक में खुले मंच से शिवानंद तिवारी ने सीएम नीतीश कुमार को 2025 में संन्यास लेकर आश्रम खोलने की सलाह दी थी। हालांकि शिवानंद तिवारी के बयान पर जेडीयू ने नाराजगी जताई। जेडीयू ने खुले तौर पर कह दिया कि अभी नीतीश कुमार की तरफ देश की जनता देख रही है, राजनीतिक संन्यास तो शिवानंद तिवारी को ले लेना चाहिए।
‘सभी दलों को एक साथ लाना मुश्किल काम’
इस दौरान आरजेडी नेता ने कहा कि आज बीजेपी तमाम विपक्षी दलों को खत्म करना चाहती है। केंद्र की सरकार सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का इस्तेमाल विपक्षी दलों के खिलाफ कर रही है। शिवानंद तिवारी के अनुसार, 2014 से लेकर 2022 के बीच में पांच हजार से अधिक छापे पड़े। इसलिए इस सरकार का जाना जरूरी है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि इस समय जो परिस्थितियां हैं, उसमें सभी दलों को एक साथ लाना मुश्किल काम है।
उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौर में विपक्षी एकजुटता की कोशिश की गई थी। जेपी ओर से भी काफी प्रयास किए गए। लेकिन यह काम संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि आज भी विपक्षी दलों को एकजुट करना नामुमकिन है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि देश में फिलहाल जो राजनीतिक हालात हैं, उसमें सभी विपक्षी दलों के एक साथ आने पर संदेह है। उन्होंने कहा कि तमाम विपक्षी दलों को एक साथ एक मोर्चा के अंदर ले आना कठिन है। तमाम विपक्षी दलों को एक साथ लाना मेंढक को तराजू पर तौलने के बराबर है।
नीतीश ने कहा था नई पीढ़ी के लिए करना है काम
बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एकजुट करने की चर्चा करते हुए कहा था कि यदि एकजुटता होगी तो बहुत बड़ी सफलता मिलेगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि उनको अपने लिए कुछ नहीं करना है। बाकी सब लोगों और नई पीढ़ी के लिए काम करना है। कहा जा रहा है कि नीतीश का इशारा तेजस्वी यादव की ओर था।