पिछले दो वर्षों से अगर तुलना की जाए तो इस साल स्थिति थोड़ी बेहतर है। पंजाब में 2020 और 2021 में क्रमश: 22 अक्तूबर तक 10,785 और 5,438 पराली जलाने की घटनाओं को दर्ज किया गया था। 22 अक्तूबर को पंजाब में 582 मामलों को दर्ज किया गया।
पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला जारी है। 15 सितंबर से 22 अक्तूबर के बीच पराली जलाने के 3,696 मामले सामने आए हैं। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत मामले सिर्फ माझा क्षेत्र के तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर जिले में दर्ज किए गए हैं।
लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, तरनतारन में 1,034 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। यह आंकड़ा राज्य में सबसे अधिक हैं। इसके बाद अमृतसर में 895 और गुरदासपुर में 324 मामले दर्ज किए गए हैं।
अक्तूबर और नवंबर में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि होती है। इसके पीछे पंजाब और हरियाणा में पराली का अधिक जलाना भी एक वजह है। वहीं दिवाली पर पटाखे के चलने से स्थिति और गंभीर हो जाती है। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पंजाब में 35 प्रतिशत धान की कटाई पूरी हो चुकी है। सितंबर में बेमौसम बारिश के कारण फसल कटाई में कम से कम 10 दिनों की देरी हुई। इस खरीफ सीजन में पंजाब में लगभग 30.84 लाख हेक्टेयर धान का रकबा है।
जिला पराली जलाने की घटनाएं
जिला |
घटनाएं |
पटियाला |
246 |
कपूरथला |
214 |
फिरोजपुर |
187 |
जालंधर |
169 |
लुधियाना |
131 |
पठानकोट में नहीं जली पराली
खेतों में पराली जलाने के मामलों में 10 अक्तूबर से चार गुना इजाफा हुआ है। 10 अक्तूबर तक राज्य में 718 पराली जलाने की घटनाएं हुई थीं। इन सबके बीच पठानकोट जिला एक उदाहरण बनकर उभरा है। इस साल पठानकोट में पराली जलाने की एक भी घटना नहीं दर्ज की गई है।
इस साल स्थित थोड़ी बेहतर
पिछले दो वर्षों से अगर तुलना की जाए तो इस साल स्थिति थोड़ी बेहतर है। पंजाब में 2020 और 2021 में क्रमश: 22 अक्तूबर तक 10,785 और 5,438 पराली जलाने की घटनाओं को दर्ज किया गया था। 22 अक्तूबर को पंजाब में 582 मामलों को दर्ज किया गया। वहीं आंकड़ों के मुताबिक, 2020 और 2021 में इसी दिन 1,341 और 1,111 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई थीं।
पंजाब सरकार अधिक फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को उपलब्ध करा रही है। पराली जलाने के खिलाफ बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम की आयोजित हो रहे हैं। मगर किसान अब भी पराली जलाने से नहीं मान रहे हैं। पंजाब सालाना लगभग 180 लाख टन पराली का उत्पादन करता है। बरसात की वजह से धान की कटाई में देरी हुई है। वहीं गेहूं की फसल की खातिर बहुत कम समय बचा है। यही वजह है कि किसान फसल अवशेषों को अपने खेतों में ही आग लगा रहे हैं।
पिछले चार साल में कितनी जली पराली
साल |
पराली जलाने की घटनाएं |
2021 |
71,304 |
2020 |
76,590 |
2019 |
55,210 |
2018 |
50,590 |