एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने कहा कि सोशल मीडिया से मिलने वाली शिकायतों पर पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है। छह महीने में 2207 शिकायतें सामने आईं। सभी मामलों का निपटरा किया गया। 12 गंभीर मामलों में केस दर्ज किया गया। दुरुपयोग करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है।
गोरखपुर जिले में पिछले छह माह में 2207 ने ‘चिड़िया’ उड़ाकर (ट्वीट करके) पुलिस से इंसाफ पाया है। इनमें से 12 ऐसे हैं, जिनकी ऑनलाइन शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है। सोशल मीडिया को बढ़ावा देने के लिए एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा खुद निगरानी कर रहे हैं। वहीं, इसका दुरुपयोग करने वालों पर भी कार्रवाई की जा रही है। झूठी सूचना से भ्रम फैलाने वालों पर केस दर्ज किया जा रहा है
जानकारी के मुताबिक, पुलिस थाने-चौकी में फरियाद लेकर जाने से अधिकतर लोग हिचकते हैं। वहीं, ऐसे भी फरियादी हैं, जिनके प्रार्थनापत्र पर थाने में कार्रवाई नहीं होती है। ऐसे लोग या तो सीधे अफसरों के पास पहुंचते हैं या सोशल मीडिया की मदद ले रहे। इसमें यूपी कॉप के अलावा ट्विटर बढ़ा सहयोगी हो गया है।
लोग ट्विटर पर ट्वीट करके अपनी समस्या पुलिस के अधिकारियों तक पहुंचा रहे हैं। छह महीने में 22 सौ से ज्यादा लोगों ने ट्वीट कर अपनी बात अफसरों तक पहुंचाई और उनकी फरियाद सुनी गई। गंभीर मामले सामने आए तो केस दर्ज किया गया।
एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा का मानना है कि इससे लोगों को आसानी से न्याय मिल जाता है, लेकिन इसका कई लोग दुरुपयोग भी करते हैं। हालांकि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाती है।
कई ट्वीट ने पुलिस की नींद उड़ाईघर बैठे न्याय पाने की प्रक्रिया का दुरुपयोग भी होता है। कई लोग हैं, जो गलत सूचना देकर पुलिस की नींद उड़ा चुके हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान जिले में एसिड अटैक की फर्जी सूचना हो या हाल में सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध में नौसड़ में आगजनी का मामला। इन फर्जी मामलों ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी थी। ऐसे लोगों पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। भ्रामक सूचना देने वालों पर केस दर्ज कर पुलिस जेल भेजने का काम कर रही है।
इस महीने में आईं इतनी शिकायतें
- जनवरी 432 दो में केस दर्ज
- फरवरी 389 दो में केस दर्ज
- मार्च 456 एक में केस दर्ज
- अप्रैल 302
- मई 343
- जून 286 सात में केस दर्ज
एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने कहा कि सोशल मीडिया से मिलने वाली शिकायतों पर पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है। छह महीने में 2207 शिकायतें सामने आईं। सभी मामलों का निपटरा किया गया। 12 गंभीर मामलों में केस दर्ज किया गया। दुरुपयोग करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है।