जब शहबाज शरीफ पुतिन के साथ बैठक में आए तो उनके कान में लगा ट्रांसलेटर बार-बार गिर जा रहा था। जबकि पुतिन ने बड़ी आसानी से उसे अपने काम पर लगाया और बोलने लगे। शरीफ के कई बार कोशिश करने के बाद भी वह बार-बार फिसल रहा था। आखिर में उन्होंने पाकिस्तानी सेना के एक अफसर को अपनी मदद के लिए पुकारा लेकिन ट्रांसलेटर उनके कान पर नहीं टिका। आखिर में पुतिन ने अफसर को दिखाया कि उसे लगाने का सही तरीका क्या है और तब जाकर शहबाज के कान पर मशीन लग पाई।
पीएम मोदी को मिला स्मार्ट एयरपॉड
ट्रांसलेटर के साथ तारों में उलझे शहबाज शरीफ पर पाकिस्तान की मीडिया और सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर चुटकी ली। लेकिन जब पीएम मोदी बैठक में पुतिन के सामने बैठे तो स्थिति बिल्कुल अलग थी। पुतिन ने मोदी को इशारा किया और उन्होंने सामने टेबल पर रखा स्मार्ट एयरपॉड उठाकर कान में लगा लिया और दोनों की बातचीत शुरू हो गई। शहबाज शरीफ के ट्रांसलेटर का ईयरफोन तार से जुड़ा हुआ था जबकि प्रधानमंत्री मोदी को वायरलेस एयरपॉड दिया गया।
पुतिन को याद रहा पीएम मोदी का बर्थडे
यह छोटा सा फर्क भी सोशल मीडिया यूजर्स की नजरों से बच नहीं सका और लोगों ने दोनों की तुलना करना शुरू कर दिया। पुतिन के साथ मीटिंग के दौरान पीएम मोदी और शहबाज शरीफ, दोनों को ट्रांसलेटर की जरूरत पड़ी क्योंकि पुतिन रूसी भाषा बोलते और समझते हैं। द्विपक्षीय बैठक के दौरान पुतिन ने मोदी से कहा, ‘मेरे दोस्त, कल आप अपना जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। रूसी परंपराओं के अनुसार हम कभी पहले से बधाई नहीं देते इसलिए फिलहाल मैं यह नहीं कर सकता। लेकिन मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि हमें इस बारे में जानकारी है।’