इन सीटों पर बागियों और भीतरघातियों ने बढ़ाई कांग्रेस की परेशानी!

शिमला. हिमाचल में सभी 68 सीटों पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, लेकिन नेताओं के बीच मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. भीतरघातियों और बागी नेताओं ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नाराज नेताओं को मनाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है. रूठों को मनाने के लिए फोन कॉल के साथ साथ बैठकों का सिलसिला भी शुरू हो गया है.

शिमला की चौपाल सीट पर बागी हुए पूर्व विधायक डॉ. सुभाष मंगलेट निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर गए हैं. नामांकन के बाद जिस तरह का बयान मंगलेट ने दिया है, उससे परेशानी और बढ़ने की आशंका है. सुभाष मंगलेट ने कहा कि सर्वे के आधार पर टिकट नहीं दिए गए हैं, केवल चहेतों को टिकट बांटे गए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हुए चुनावों में भी इसी तरह किया गया था. पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला पर बड़ा हमला बोलते हुए मंगलेट ने कहा कि राजीव शुक्ला नेता नहीं हैं वो बिजनेसमैन हैं और हाईकमान गुमराह करने का काम करते हैं.

शुक्ला हेलीकॉप्टर में चलते हैं और फाइव स्टार होटल में रहते हैं, उन्हें जमीनी सच्चाई की जानकारी नहीं है.  चौपाल में रजनीश किमटा को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है, इस मंगलेट ने कहा कि चौपाल में भाजपा की ए और बी टीम के बीच मुकाबला है, मैं असली कांग्रेस हूं. इस बीच कांग्रेस सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी नेतृत्व 29 अक्टूबर तक मनाने की कोशिश करेगी, क्योंकि उस दिन नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख है. अगर कोई घर वापसी नहीं करता है तो उसे पार्टी से निष्कासित किया जाएगा.

इन सीटों पर भी कांग्रेस को परेशानी

मंगलेट के अलावा सिरमौर की पच्छाद विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री गंगूराम मुसाफिर और शिमला की ठियोग सीट से पूर्व मंत्री जेबीएल खाची के बेटे विजयपाल सिंह खाची ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया है. इसके अलावा शिमला शहरी, रामपुर, झंडूता, गगरेट सहित प्रदेश के अन्य कई सीटों पर पार्टी में बगावत और भीतरघात की आशंका है. कई स्थानों पर अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी नेता हमले कर रहे हैं. युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी और कार्यकारी अध्यक्ष यदुपति ठाकुर भी टिकट ना मिलने के चलते नाराज हैं. सरकाघाट और किन्नौर सीट पर दोनों असर डाल सकते हैं. प्रतिभा सिंह और सुक्खू डैमेज कंट्रोलर की भूमिका में नजर आ रहे हैं. हालांकि, अहम बात यह  है कि कांग्रेस के मुकाबला भाजपा में बागियों की संख्या अधिक है.