राजस्थान के इस जिले में गोवर्धन पूजा पर एक-दूसरे पर फेंके जाते हैं पटाखे, ऐसा क्यों होता है?

अजमेर के केकड़ी कस्बे में यह परंपरा निभाई जाती है। गणेश प्याउ में भैरव जी का एक प्राचीन मंदिर है। दीपावली के एक दिन बाद यानी गोवर्धन पूजा पर यहां 100 साल से अधिक समय पुरानी एक परंपरा निभाई जा रही है।

एक दूसरे पर फेंके जाते हैं पटाखे।
एक दूसरे पर फेंके जाते हैं पटाखे।

राजस्थान में कई ऐसी पुरानी परंपराएं और रीति-रिवाज हैं जो लोगों को हैरान कर देते हैं। समय के साथ-साथ इन परंपराओं का स्वरूप भी बदल गया है। अजमेर के केकड़ी में निभाई जाने वाली ऐसी ही एक परंपरा लोगों के लिए जानलेवा बनती जा रही है। यहां दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा पर लोग एक दूसरे पर सुतली बम जलाकर फेंकते हैं। इससे कई लोग घायल भी हो जाते हैं। प्रशासन इस परंपरा को रोकने के लिए सख्त कदम उठाता है इसके बाद भी लोग यह जानलेवा खेल खलते हैं। आइए आपको बताते हैं इस परंपरा के बारे में…।

अजमेर के केकड़ी कस्बे में यह परंपरा निभाई जाती है। गणेश प्याउ में भैरव जी का एक प्राचीन मंदिर है। दीपावली के एक दिन बाद यानी गोवर्धन पूजा पर यहां 100 साल से अधिक समय पुरानी एक परंपरा निभाई जा रही है। यहां घास से भैरव जी की एक प्रतिमा बनाई जाती थी, जिसे बैलों से बांधकर पूरे शहर में घुमाया जाता था। पूरे शहर का भ्रमण कराने के बाद प्रतिमा को भैरव जी लाकर पूजा-अर्चना और आतिशबाजी की जाती थी। समय से साथ-साथ इस परंपरा का स्वरूप ही बदल गया है। अब लेकिन कुछ सालों में इस प्रथा का रुप ही बदल दिया गया हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब यहां गोवर्धन पूजा के दिन घास से भैरव जी की प्रतिमा बनाई जाती है। जिसे बैलों से बांधा जाता है, लेकिन बैलों को हांकने के लिए उनके पैरों के पास पटाखे फेंके जाते हैं। इन पटाखों की आवाज सुनकर और उनसे बचने के लिए बैल इधर-उधर भागना लगते हैं। धीरे-धीरे बैलों के पैरों में पटाखे फेंक रहे लोग एक दूसरे पर फेंकने लगते हैं। लोग दो गुट बनाकर एक दूसरे पर जमकर सुतली बम और पटाखे फेंकते हैं। इस दौरान कई लोग घायल भी हो जाते हैं।
बचने के लिए इधर-उधर भागते हैं लोग।
बचने के लिए इधर-उधर भागते हैं लोग।

बताया जाता है कि प्रशासन इस जानलेवा परंपरा को रोकने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा है। गोवर्धन पूजा के दिन केकड़ी में पुलिस बल तैनात किया जाता है, ताकि लोगों को इस जानलेवा खेल खेलने से रोका जा सके। इसके बाद भी लोग जुटते हैं और यह जानलेवा खेल खेलते हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस से बचने के लिए लोग रात में भी एक दूसरे पर पटाखे फेंकते है। दो साल से कोरोना के कारण यह जानलेवा खेल नहीं खेला जा रहा था, लेकिन आज एक बार फिर लोगों के जुटने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है।