इस तरह पूरा हुआ केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में 550 सोने की चादरें चढ़ाने का काम…

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किए जाने का यह काम काफी चुनौतीपूर्ण था.

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किए जाने का यह काम काफी चुनौतीपूर्ण था.

नई दिल्‍ली/देहरादून : केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) के गर्भगृह की दीवारों पर सावधानीपूर्वक सोना चढ़ाने (Gold Plating on sanctum sanctorum of Kedarnath temple) का काम बुधवार को पूरा हो गया. इससे एक दिन पहले गुरुवार को मंदिर छह महीने के शीतकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिया गया. यह काम दिवाली के आसपास किया गया. धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किए जाने का यह काम काफी चुनौतीपूर्ण था. इसमें गर्भगृह की दीवारों, जलेरी व छत पर 550 सोने की परतें चढ़ाकर उसे नया रूप दिया जाना था. मंदिर में 550 सोने की चादरें ले जाने के लिए अठारह टट्टू का इस्तेमाल किया गया था और 19 श्रमिकों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के दो वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में सोना चढ़ाया गया.

इस कार्य को अंजाम देने के प्रारंभिक कार्य जैसे माप लेना, सोने की चादरों को लगाने के लिए पत्थर की दीवारें तैयार करना आदि लगभग डेढ़ महीने पहले शुरू हुआ था. इसके लिए करीब एक हफ्ते पहले रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, आईआईटी-रुड़की और एएसआई की छह सदस्यीय टीम ने मंदिर का निरीक्षण किया था. इस बारे में उन्‍होंने अपने सिफारिशें दीं और उसी के मुताबिक काम को अंजाम दिया गया.

दरअसल, इससे पहले साल 2017 में गर्भगृह की दीवारों को चांदी से ढक दिया गया था. इसके लिए लगभग 230 किलोग्राम धातु का उपयोग किया गया. सोना चढ़ाने के प्रारंभिक चरण में सबसे पहले चांदी की परतों को हटाया गया और मंदिर के इंटीरियर को साफ किया गया. इसके बाद सोने की प्लेटों के वास्तविक आकार को प्राप्त करने के लिए तांबे की फिटिंग की गई, क्‍योंकि जितनी जगह को सोने की प्‍लेटों से कवर किया जाना था, वह चांदी से ढके हुए क्षेत्रफल से अधिक थी. यानि सोने की परतें ज्‍यादा चढ़ाई जानी थीं. चार स्तंभ, जालहरी (भीतरी शिवलिंग के चारों ओर की दीवार), छत्र (चंदवा), छत और गर्भगृह की आंतरिक दीवार, सोने से ढकी हुई थी.

अधिकारियों ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि इस पूरे काम के लिए कितने सोने और धन का इस्‍तेमाल हुआ. TOI की रिपोर्ट के अनुसार, सप्‍ताह भर पहले इन सोने की शीटों को दिल्‍ली से गौरीकुंड बेहद खास सुरक्षा घेरे के बीच लाया गया. यह पूरा सोना महाराष्‍ट्र के एक शख्‍स द्वारा दान किया गया, जिनकी पहचान उजागर नहीं की गई है. श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर स‍मिति के अध्‍यक्ष अजेंद्र अजय कहते हैं कि गोल्‍ड फ‍िटिंग के दौरान एएसआई के दो अधिकारी मौके पर मौजूद रहे.