UP Board 10th में छात्रा मेहनत के दमपर लाई 94% अंक, फिर भी कर दिया Fail, लगा रही न्याय की गुहार

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25 अप्रैल, मंगलवार को यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा का रिजल्ट घोषित हो गया. इस बार 10वीं में 90% तो इंटर में 75% छात्रों को सफलता मिली. रिजल्ट के बाद अक्सर यही देखने को मिलता है कि ज्यादा अंक लाने वाले छात्र खुश और कम अंक लाने वाले दुखी दिखाई पड़ते हैं. इस बार भी अधिकतर यही देखने को मिला लेकिन अमेठी का एक मामला इससे अलग था. यहां एक ऐसी छात्रा फेल हो गई जिसके 90% से ज्यादा अंक आए हैं.

94% ला कर भी फेल हुई भावना

उत्तर प्रदेश के अमेठी में लोग उस समय हैरान रह गए जब दसवीं का र‍िजल्‍ट घोषित होने के बाद सामने आया कि एक छात्रा 10वीं बोर्ड में 94 प्रत‍िशत अंक लाने के बाद भी फेल हो गई है. एक बार में ये बात समझ से बाहर लगती है कि आखिर कोई इतने नंबर ला कर भी कैसे फेल हो सकता है. लेकिन पड़ताल के बाद इस मामले में यूपी बोर्ड के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

प्रैक्टिकल में मिले मात्र 18 नंबर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेठी के भादर ब्लॉक की रहने वाली भावना वर्मा अमेठी के शिव प्रताप इंटर कॉलेज में क्लास-10 की छात्रा है. भावना ने इस बार परीक्षा में 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किये लेकिन फिर भी वह फेल हो गई है. गौरीगंज के शिव प्रताप इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली इस छात्रा को लिखित परीक्षा में 91.43 प्रतिशत अंक मिले हैं लेकिन प्रैक्टिकल में उसे मात्र 18 अंक दिए गए हैं. यूपी बोर्ड द्वारा जारी रिजल्ट में भावना को 402 अंक मिले है. वहीं पांच व‍िषयों के प्रैक्‍ट‍िकल में उसे स‍िर्फ 3 नंबर के ह‍िसाब से केवल 18 अंक ही म‍िले है.

बोर्ड की लापरवाही से हुआ ये सब

दूसरी तरफ स्‍कूल प्रशासन ने इस संबंध में कहा है कि छात्रा पढ़ने में बहुत होश‍ियार है और उसे स्‍कूल ने प्रैक्‍ट‍िकल में हर व‍िषय में 30 मार्क्‍स द‍िए थे. इस हिसाब से छात्रा को प्रैक्टिकल में 180 अंक मिलने चाहिए थे लेक‍िन बोर्ड की गलती से उनकी मार्क्‍स शीट में हर व‍िषय में 3 नंबर शो कर रहा है. स्‍कूल प्रशासन का कहना है क‍ि अगर छात्रा को प्रैक्‍ट‍िकल में द‍िए गए 30-30 मार्क्‍स जोड़ द‍िए जाएं तो उसका टोटल 600 में से 562 होता है. इसके मुताब‍िक छात्रा के 94 फीसदी अंक होने चाहिए थे लेक‍िन छात्रा को मार्क्‍स शीट में फेल द‍िखाया गया है.

छात्रा के अनुसार उसने हिंदी की लिखित परीक्षा में 70 नंबर में से 65 प्राप्त किये हैं, अंग्रेजी, गणित व सामाजिक विषय में उसके 67-67 नंबर हैं, वहीं संस्कृत में उसे 66 और विज्ञान में 52 अंक मिले हैं. इस हिसाब से उसे लिखित परीक्षा में 420 में से 384 अंक मिले है, जो कि 91.43 प्रतिशत बनता है. भावना ने कहा कि कॉलेज की ओर से सभी छह विषयों की प्रैक्टिकल एग्जाम में 30-30 नंबर दिए गए हैं. जबकि मार्क्स शीट पर सभी विषयों में महज तीन-तीन अंक ही चढ़े हैं. यही वजह है कि उसे फेल घोषित किया गया है.

कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. नवल किशोर सिंह ने मीडिया से बताया कि भावना अकेली नहीं जिसके साथ ऐसा हुआ है, बोर्ड की लापरवाही की वजह से उनके ही कॉलेज के कई अन्य छात्र भी इसी तरह फेल हुए हैं. इस सूची में उवैश रजा, अनंत दीप, हर्ष कुमार, सर्वेश कुमार व अर्चिता शुक्ला समेत कई अन्य छात्रों का नाम भी शामिल हैं, इनमें से कई छात्र अच्छे अंक लाने के बावजूद फेल घोषित कर दिए गए हैं.

इस र‍िजल्‍ट के बाद भावना मानसिक रूप से परेशान है. इस मामले में छात्रा और उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री से जांच कर न्याय करने की मांग की है.