स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हर साल दिवाली के त्योहार के दौरान पटाखों से घायल होने के कई मामले देखे जाते रहे हैं। इस प्रकार के जोखिमों से बचे रहने के लिए सुनिश्चित करें कि बच्चे पटाखों से दूर रहें। यदि आप या परिवार का कोई सदस्य पटाखे जलाते समय चोट का शिकार हो जाता है तो उसे तुरंत प्राथमिक उपचार दें। त्वरित उपचार से इसके दीर्घकालिक जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है।
आइए जानते हैं कि पटाखों से होने वाले किसी हादसे से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए और जलने-चोट लगने पर तुरंत क्या कर सकते हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पटाखों से कई प्रकार के नुकसान का जोखिम होता है, ऐसे में पटाखों को नहीं जलाना चाहिए। यदि आप जला भी रहे हैं तो सिर्फ उन्हीं पटाखों का इस्तेमाल करें जिनसे प्रदूषण का जोखिम कम होता है। इसके अलावा पटाखे जलाते समय हर स्तर पर चोट से बचाव के उपाय करते रहना चाहिए, जिससे किसी भी प्रकार के हादसे से बचा जा सके। बच्चों को बड़ों की देखरेख में ही पटाखे फोड़ने चाहिए। हमेशा घर के बाहर पटाखे फोड़ें।
पटाखों से आग लगने के खतरे को कम करने के लिए वहां बाल्टी में पानी या रेत रखें। माचिस से सीधे पटाखे न जलाएं, इसके लिए किसी लंबी डंडी का प्रयोग करें, जिससे पटाखों से आप एक दूरी बनाकर रखे सकें। आइए जानते हैं कि जलने-चोट लगने पर तुरंत क्या किया जाना चाहिए?
यदि पटाखे जलाते समय जल जाएं तो उस स्थान पर आइस पैक या साफ गीला कपड़ा रखने से दर्द-जलन कम हो सकती है। प्रभावित हिस्से को कच्चा आलू या पेस्ट लगाने से भी दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। त्वरित उपचार करने से फफोले पड़ने या फिर किसी भी प्रकार के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।
जलन वाले हिस्से पर कोल्ड कंप्रेसिंग के बाद एंटीबायोटिक क्रीम या मलहम लगाना चाहिए। यह जलन को कम करने और घाव में संक्रमण को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा घरेलू उपचार में एलोवेरा जेल भी लगाया जा सकता है। एलोवेरा एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीबायोटिक प्रभावों वाला पौधा है जो बैक्टीरिया के विकास को रोकने और सूजन-जलन को कम करने में मदद करता है। एलोवेरा के पौधे से सीधा निकालकर भी जेल लगाया जा सकता है।