Inauguration of two day online workshop on Advocacy Skills

वकालत कौशल पर दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का उद्घाटन

सोलन, 6 सितम्बर
शूलिनी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ ने आज हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (HPUILS), शिमला के साथ मिलकर वकालत कौशल पर 2 दिवसीय वर्चुअल वर्कशॉप की शुरुआत की।
कार्यशाला बुनियादी विषयों पर आधारित थी जिसमें एक सफल वकील बनने के लिए आवश्यक कौशल, एक अच्छा वकील क्या होता है, पेशेवर नैतिकता और वकीलों के लिए शिष्टाचार, जैसे विषयों पर बातचीत की गयी।
विभिन्न कानून विभागों के लगभग 200 छात्रों ने कार्यशाला में भाग लिया और एक सफल कानूनी पेशेवर बनने के लिए विभिन्न आवश्यक कौशल सीखे।
वक्ताओं और संसाधन व्यक्तियों में प्रोफेसर पीके खोसला, कुलाधिपति, शूलिनी विश्वविद्यालय, प्रो अतुल खोसला, कुलपति, शूलिनी विश्वविद्यालय, न्यायमूर्ति एसएस ठाकुर, पूर्व न्यायाधीश, उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश, प्रोफेसर रतन सिंह, निदेशक, यूआईएलएस पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, अधिवक्ता अशोक अरोड़ा तथा अधिवक्ता अजय कोचर, अध्यक्ष, बार काउंसिल, हिमाचल प्रदेश भी शामिल थे।
कार्यशाला ने वकालत के क्षेत्र में आगे बात करते हुए अन्य विषयों पे बात की जिसमें सफल कानून कैरियर का निर्माण कैसे किया जाए, कुछ मुख्य कानूनी कौशल, जिम्मेदारी, दायरा और प्रभाव भी मौजूद थे । इसके अलावा, कार्यशाला में भारतीय वकालत के छेत्र में आए बदलाव तथा इतिहास की चर्चा भी हुई।
भारत के भीतर, कानूनी पेशा देश के शासन में शामिल होने वाले सबसे प्रभावशाली व्यवसायों में से एक है।

संसाधन व्यक्तियों ने भारतीय कानूनी पेशे की एक झलक देकर अपने विचारों को अभिव्यक्त किया, और कहा कि भारतीय वकालत दुनिया में सबसे बड़े में से एक है, साथ ही देश भर में 14 लाख से अधिक नामांकित अधिवक्ता हैं।