आपातकाल में जेल गए लोकतंत्र प्रहरियों की सम्मान राशि बढ़ाई

वर्ष 2019 में शुरू हुई लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना के तहत पहले आठ और 12,000 रुपये प्रतिमाह सम्मान राशि दी जाती रही है। अब सरकार ने राशि बढ़ा दी है।

सांकेतिक तस्वीर

वर्ष 1975 से 1977 तक देश में आपातकाल के दौरान जेल में रहे लोकतंत्र प्रहरियों की सम्मान राशि सरकार ने बढ़ा दी है। 15 दिन जेल में रहने वालों को अब प्रतिमाह 12,000 रुपये दिए जाएंगे। इससे अधिक दिनों तक जेल में रहने वालों को 20,000 रुपये प्रतिमाह सम्मान राशि दी जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना की संशोधित अधिसूचना जारी कर दी है। 

वर्ष 2019 में शुरू हुई इस योजना के तहत पहले आठ और 12,000 रुपये प्रतिमाह सम्मान राशि दी जाती रही है। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि लोकतंत्र प्रहरी और मृतक लोकतंत्र प्रहरी के पति या पत्नी के सम्मान के लिए राशि को बढ़ाया गया है। उधर, सामान्य प्रशासन की ओर से अधिसूचित नियम सात में यह व्यवस्था की गई है कि यदि कोई व्यक्ति सम्मान राशि प्राप्त करने के लिए पात्रता न होने के बावजूद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राशि को प्राप्त करता है तो ऐसी स्थिति में पूरी राशि एकमुश्त वापस ली जाएगी।

उस व्यक्ति की ओर से राशि वापस नहीं की गई तो भू राजस्व के बकाये के रूप में वसूल की जाएगी। लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि को पाने के लिए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में कमेटी अधिसूचित की गई है। इसके तीन सदस्य पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा, हरोली निवासी विजय सिंह कंवर और धर्मशाला के सुनील मनोचा बनाए गए हैं। सदस्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव बनाए गए हैं। यह समिति सभी आवेदनों की समीक्षा कर इनकी पात्रता के बारे में विचार करती है।