डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने विवि के इनक्यूबेशन सेंटर में नई सुविधाओं को छात्रों और इनक्यूबेटीस को समर्पित किया। सुविधाओं में एक सम्मेलन हॉल सहित अन्य सुविधाएं बनाई गयी है। हॉल में व्यक्तिगत चर्चा स्थलों के लिए सुविधाओं के साथ आधुनिक फर्नीचर से सुसज्जित किया गया है और एक कम्प्यूटर कक्ष भी बनाया गया है। सुविधा में काम करने के लिए आधुनिक सुविधाएं भी होंगी। इस केंद्र को हिमाचल प्रदेश के उद्योग विभाग से 70.05 लाख रुपये की वित्तीय सहायता से विकसित किया गया है।
इस अवसर पर डॉ. कौशल ने कहा कि स्टार्ट-अप और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल सरकार की अनूठी योजना में शामिल होने के सुनहरे अवसर के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों को नवीन व्यावसायिक विचारों के साथ आगे आने और उनमें उद्यमिता की भावना विकसित करने के लिए प्रेरित करने के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित करेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नियमित रूप से प्रसिद्ध पूर्व छात्रों और उद्यमियों द्वारा कार्यक्रमों और वार्ताओं का आयोजन कर रहा है ताकि छात्र नौकरी प्रदाता बने।
सामाजिक विज्ञान विभाग के एचओडी एवं इनक्यूबेशन सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. मनोज वैद्य ने बताया कि मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत केंद्र से आठ इनक्यूबेटी पास आउट हो चुके हैं और तीन के स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इनक्यूबेटी के आइडिया को बेहतर बनाने और इसे एक उत्पाद के रूप में विकसित करने के लिए मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करते हैं। विश्वविद्यालय को पांच और इनक्यूबेटीस आवंटित किए गए हैं जो कुछ दिनों में अपना कार्य शुरू करेगें। योजना के तहत उद्योग विभाग द्वारा प्रत्येक इनक्यूबेटी को एक वर्ष के लिए 25,000 रुपये प्रति माह भत्ता प्रदान किया जाता है।