IND vs AUS: भारत अब भी कैसे जीत सकता है अहमदाबाद टेस्ट, रोहित शर्मा के भी दिमाग में चल रहा होगा ये फॉर्मूला!

IND vs AUS: भारतीय टीम जब आज अहमदाबाद टेस्ट के तीसरे दिन मैदान पर उतरेगी तो उसके सामने ऑस्ट्रेलिया के पहाड़ से टोटल के साथ-साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का चैलेंज भी होगा।

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अहमदाबाद: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट में आज तीसरा दिन का खेल भारतीय टीम के लिए बेहद अहम होगा। अपनी पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 480 रन का पहाड़ सा स्कोर खड़ा किया। जवाब में कल टीम इंडिया ने स्टंप्स तक बगैर किसी नुकसान के 36 रन बना लिए थे, लेकिन आज तीसरे दिन बल्लेबाजों को काफी मेहनत करनी होगी। पहाड़ चढ़ना होगा। सूझबूझ दिखानी होगी। विकेट बचाना होगा। पार्टनरशिप करनी होगी। काउंटर अटैक कर तेजी से रन बनाना होगा। रोहित शर्मा (17*) और शुभमन गिल (18*) को उसी लय से दोबारा शुरुआत करनी होगी, जहां से दूसरे दिन छोड़ा था।


क्या भारत अब भी जीत सकता है मैच?

टेस्ट मैच में तीसरे दिन को ड्राइविंग-डे कहा जाता है। माना जाता है कि इसी दिन तय होता है कि मुकाबला किस ओर जा रहा है। भले ही शुरुआती तीन टेस्ट तीसरे ही दिन खत्म हुए, लेकिन अहमदाबाद में मामला जुदा है। यहां से भारत का लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया के स्कोर की बराबरी करने पर होगी। बल्लेबाजी के मुफीद पिच पर अगर ऐसा हो गया तो फिर अगला लक्ष्य कंगारुओं पर कम से कम 150 रन की लीड का होना चाहिए। चौथे दिन के आखिरी सेशन में ऑस्ट्रेलिया जब दूसरी बार बल्लेबाजी के लिए आएगा, तब शायद बैटिंग करना आसान न हो और इंडियन स्पिनर्स अपनी फिरकी से कोई चमत्कार दिखा दे। वैसे हारने से बेहतर भारत के पास ड्रॉ का विकल्प हमेशा मौजूद होगा, क्योंकि फिर उसे उम्मीद करनी होगी कि न्यूजीलैंड श्रीलंका से अपने घर में कम से कम एक टेस्ट जीत जाए।


ख्वाजा-ग्रीन की साझेदारी
उस्मान ख्वाजा (422 गेंद में 21 चौकों की मदद से 180 रन) और कैमरन ग्रीन (170 गेंद में 18 चौकों की मदद से 114 रन) ने अहमदाबाद टेस्ट के दूसरे दिन भी भारतीय गेंदबाजों को खूब थकाया। दोनों ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से भारत में सबसे बड़ी साझेदारियों (208 रन) में से एक निभाकर टीम को बेहतर स्थिति में पहुंचा दिया। रविचंद्रन अश्विन ने हालांकि बैटिंग के लिए एक अच्छी पिच पर छह विकेट झटककर मेहमान टीम को पांच सौ के पार जाने से रोका। फिर भी ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों की कोशिशों से टीम इंडिया के सामने पहाड़-सा टोटल खड़ा हो गया है।