नई दिल्ली. टीम इंडिया का जिम्बाब्वे दौरा एशिया कप से ठीक पहले होने जा रहा है और इसके बाद टी20 विश्व कप होना है. केएल राहुल और दीपक चाहर के लिए तो इस दौरे की अहमियत बेहद ज्यादा है. क्योंकि जिम्बाब्वे के दौरे के बाद भारत को एशिया कप और टी20 विश्व कप खेलना है. ऐसे में इन दो खिलाड़ियों का टी20 विश्व कप का टिकट यहीं से पक्का होगा. यह दोनों खिलाड़ी लंबे वक्त बाद टीम इंडिया में वापसी कर रहे हैं. ऐसे में अगर ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप की टीम में जगह पक्की करनी है तो यहां हर हाल में बेहतर प्रदर्शन करना होगा. वर्ना इनकी जगह लेने के लिए बेंच पर कई खिलाड़ी तैयार बैठे हैं.
इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि दीपक चाहर, जो कभी टी20 में नई गेंद के गेंदबाज के रूप में टीम के पहली पसंद थे, अब एशिया कप के लिए उन्हें रिजर्व खिलाड़ी के रूप में रखा गया है. हालांकि, केएल राहुल के साथ ऐसा नहीं है. वो अभी भी टी20 में रोहित शर्मा के सलामी जोड़ीदार के रूप में पहली पसंद हैं.
राहुल ने जिम्बाब्वे में ही पहला वनडे शतक जड़ा था
राहुल 6 साल पहले जिम्बाब्वे दौरे से ही व्हाइट बॉल के स्पेशलिस्ट खिलाड़ी के तौर पर उभरकर सामने आए थे. उन्होंने अपने वनडे डेब्यू पर जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद शतक ठोका था. अब एक बार फिर वो यहां लौटे हैं. इस बार वो एक बल्लेबाज के साथ-साथ कप्तान भी हैं. उनकी मैच फिटनेस पर सबकी नजर होगी, क्योंकि वो स्पोर्ट्स हर्निया की सर्जरी के बाद टीम में लौट रहे हैं और बीच में कोरोना संक्रमित भी हो चुके हैं.
भले ही टीम इंडिया का फोकस अभी टी20 विश्व कप है. लेकिन, अगले साल भारत में वनडे वर्ल्ड कप भी होना है. ऐसे में वनडे सेटअप में केएल राहुल की भूमिका क्या होगी, यह जिम्बाब्वे दौरे पर वो किस नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं, उससे काफी हद तक साफ हो जाएगा.क्योंकि उनकी गैरहाजिरी में रोहित शर्मा और शिखऱ धवन वनडे में पारी की शुरुआत कर रहे हैं. वहीं, शुभमन गिल को भी बैकअप ओपनर के रूप में तैयार किया जा रहा है. यह हालिया वेस्टइंडीज दौरे पर नजर भी आया.
राहुल को वनडे में हालिया सफलता भी 5 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए ही मिली है. इस नंबर पर उन्होंने 10 पारियों में 56 से अधिक की औसत और 113 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. वो 1 शतक और चार अर्धशतक लगा चुके हैं.
चाहर का एक ऑलराउंडर के रूप में कद बढ़ा
राहुल की ही तरह दीपक चाहर भी चोट के कारण करीब 7 महीने बाद टीम में वापसी कर रहे हैं. वो वनडे के जरिए टी20 टीम में वापसी का इम्तिहान देंगे, उनके लिए यह आदर्श स्थिति नहीं है. लेकिन, फिलहाल वो इससे बेहतर की उम्मीद भी नहीं कर सकते.
चाहर को ऐसे वक्त पर चोट लगी थी, जब एक ऑलराउंडर के तौर पर उनका ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा था. चाहर ने पिछले तीन वनडे में एक ऑलराउंडर के तौर पर खुद को साबित किया था. उन्होंने 69* (श्रीलंका के खिलाफ), 54 (दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ) और 38 (वेस्टइंडीज के खिलाफ) रन की अहम पारियां खेली थीं.
चाहर के कारण टीम का संतुलन बेहतर होता है
8वें नंबर पर चाहर के साथ, भारत बल्लेबाजी की गहराई से समझौता किए बिना अलग-अलग बॉलिंग कॉम्बिनेशन आजमा सकता है. यही वजह थी कि आईपीएल 2022 के मेगा ऑक्शन में चार टीमों दिल्ली कैपिटल्स, सनराइजर्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच उन्हें खरीदने की होड़ लगी थी. हालांकि, बाद में सुपर किंग्स ने 14 करोड़ में इस ऑलराउंडर को खरीदा था. यह अलग बात है कि वो चोट के कारण आईपीएल 2022 में हिस्सा नहीं ले पाए थे.
दीपक के लिए जिम्बाब्वे दौरा इसलिए भी अहम है, क्योंकि उनकी गैरहाजिरी में भुवनेश्वर कुमार ने टी20 में नई गेंद से कमाल की गेंदबाजी की है. उनका फॉर्म और फिटनेस बेहतर नजर आ रहा है. 2021 के बाद से, भुवनेश्वर ने 29 मैच में 6.73 की इकॉनमी के साथ 32 विकेट लिए हैं. इनमें से 17 विकेट पावरप्ले में आए हैं, जिसमें उनकी इकॉनमी रेट 5.75 रही है.
हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर भुवनेश्वर ने 2 मैच में 6 ओवर गेंदबाजी की और 25 रन देकर 4 विकेट हासिल किए थे. इससे पहले, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 टी20 की सीरीज में 6.07 की इकॉनमी रेट से 6 विकेट झटके थे. इस दौरान 18/4 उनका बेस्ट प्रदर्शन रहा था. उनकी बॉलिंग स्पीड, जो कम हो गई थी, वो वापस आ गई है. ऐसे में चाहर के लिए टी20 टीम में वापसी आसान नहीं होगी.