India Armenia: तुर्की, अजरबैजान, पाकिस्‍तान के चक्रव्‍यूह में फंसा आर्मीनिया, भारत से लगाई हथियारों की गुहार

Armenia India Vs Azerbaijan Turkey: आर्मीनिया ने नागर्नो-कराबाख में करारी हार के बाद अब भारत से हथियारों के मदद की गुहार लगाई है। आर्मीनिया भारत से लड़ाकू ड्रोन व‍िमान समेत कई घातक हथियार चाहता है। अजरबैजान, तुर्की और पाकिस्‍तान के गठजोड़ में फंसा आर्मीनिया भारत से दोस्‍ती बढ़ाने में लगा हुआ है।

 
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आर्मीनिया ने भारत से हथियारों की गुहार लगाई
येरेवान: तुर्की, अजरबैजान और पाकिस्‍तान के चक्रव्‍यूह में फंसे आर्मीनिया ने अब भारत से मदद की गुहार लगाई है। आर्मीनिया के एक रक्षा प्रतिनिधिमंडल ने भारत का दौरा किया है और लड़ाकू ड्रोन व‍िमान तथा अन्‍य हथियार खरीदने की संभावनाओं पर बात की है। इस दल ने पिछले महीने भारत का दौरा किया था और इस दौरान ड्रोन विमानों का मुद्दा प्रमुखता से उठा था। आर्मीनिया ने ड्रोन विमानों के लिए यह गुहार ऐसे समय पर लगाई जब उसे नागर्नो-काराबाख में अजरबैजान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।

कराबाख की जंग में तुर्की में बने अजरबैजान के टीबी-2 ड्रोन ने जमकर तबाही मचाई थी और आर्मीनिया की सेना की कमर तोड़कर रख दी थी। तुर्की के इन ड्रोन विमानों ने आर्मीनिया के तोप, टैंक और अन्‍य घातक हथियारों नष्‍ट कर दिया था। रूस के हस्‍तक्षेप के बाद अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच में एक समझौता हुआ था। इस बीच रूस के यूक्रेन की जंग में फंसने के बाद अब अजरबैजान ने एक बार फिर से अपने दबाव को तेज कर दिया है।

कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान का साथ देता है तुर्की
आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय ने भारत से हथियार खरीदने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने इसी महीने येरेवान की यात्रा के दौरान कहा था कि भारत और आर्मीनिया लंबी अवधि के लिए सैन्‍य सहयोग करने पर विचार विमर्श कर रहे हैं ताकि रिश्‍तों को और मजबूत किया जा सके। इसमें उन्‍होंने रक्षा और सैन्‍य तकनीकी सहयोग पर बल दिया था।

दरअसल, भारत आर्मीनिया को न केवल अपना दोस्‍त मानता है बल्कि तुर्की के खिलाफ एक जोरदार संतुलन करने वाला देश मानता है। तुर्की के राष्‍ट्रपति अक्‍सर भारत के खिलाफ जहरीले बयान देते रहते हैं और कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान का साथ देते हैं। पाकिस्‍तान भी तुर्की और अजरबैजान के गठजोड़ में पूरी मदद कर रहा है। इससे पहले कराबाख की जंग में पाकिस्‍तान ने खुलकर अजरबैजान और तुर्की के गठजोड़ का साथ दिया था। इसके विपरीत भारत ने कराबाख शांति समझौते का समर्थन किया था।